NEWS FACTS
शहर की स्थिति
घरेलू उपभोक्ता 325000
व्यावसायिक उपभोक्ता 1000
कुल फीडर 168
प्रति फीडर उपभोक्ता 1600
एक फीडर में ट्रांसफार्मर 180से 20
एक फीडर का इलाका 04किमी
एक सप्ताह तक चलेगा ट्रायल
स्काडा का काम सितंबर 2018 तक पूरा होना था, लेकिन तकनीकी कारणों के चलते इसकी समय सीमा बढ़ा दी गई। अब यह अंतिम दौर पर पहुंच गया है। इसका ट्रायल भी शुरू कर दिया गया है। यह ट्रायल अगले एक सप्ताह तक चलेगा। इस दौरान सभी उपकरणों और डिवाइसों की वर्र्किंग की समीक्षा की जाएगी, जिसके बाद इसे पूरी तरह से शुरू किया जाएगा।
शहर की स्थिति
घरेलू उपभोक्ता 325000
व्यावसायिक उपभोक्ता 1000
कुल फीडर 168
प्रति फीडर उपभोक्ता 1600
एक फीडर में ट्रांसफार्मर 180से 20
एक फीडर का इलाका 04किमी
एक सप्ताह तक चलेगा ट्रायल
स्काडा का काम सितंबर 2018 तक पूरा होना था, लेकिन तकनीकी कारणों के चलते इसकी समय सीमा बढ़ा दी गई। अब यह अंतिम दौर पर पहुंच गया है। इसका ट्रायल भी शुरू कर दिया गया है। यह ट्रायल अगले एक सप्ताह तक चलेगा। इस दौरान सभी उपकरणों और डिवाइसों की वर्र्किंग की समीक्षा की जाएगी, जिसके बाद इसे पूरी तरह से शुरू किया जाएगा।
NEWS FACTS पांच संभागों की स्थिति
लागत 17.5करोड़ रुपए
डिवाइस-कुल लगी
सेक्शनलाइजर-103
रिंग मेन यूनिट-166
ऑटो रिक्लोजर- 18
डिवाइस और उनके काम
सेक्टनेलाइजर : किसी भी फीडर के किसी भी सेक्शन में फॉल्ट होने पर यह डिवाइस उस एरिया को ड्रिप कर देगी। फॉल्ट सुधरते ही डिवाइस लाइन को दोबारा चालू कर देगी।
ऑटो डीक्लोजर : यह डिवाइस सेक्टनेलाइजर के साथ काम करेगी। यदि किसी एरिया में फॉल्ट से सेक्टनेलाइजर से बिजली आपूर्ति बंद होने पर डिवाइस फॉल्ट सुधरने पर सम्बंधित फीडर या एरिया की बिजली आपूर्ति पुन: शुरू कर देगी।
रिंग मेन यूनिट : रिंग मेन यूनिट (आरएमयू) सीधे ट्रांसफॉर्मर से जुड़ी होगी। इसका सम्पर्क ११ केवी लाइन से होगा। किसी सब स्टेशन में समस्या आने पर आरएमयू दूसरे फीडर से बिजली सप्लाई शुरू कर देगी।
कंट्रोल सेंटर : किसी लाइन में फॉल्ट होने की जानकारी विभिन्न डिवाइस के जरिए कंट्रोल सेंटर तक पहुंचेगी। कंट्रोल सेंटर से सम्बंधित कर्मचारियों को जानकारी दी जाएगी। इससे फॉल्ट तलाशने में आसानी होगी।
वर्जन
स्काडा के तहत लगाए गए हाईटेक डिवाइस का ट्रायल शुरू कर दिया गया है। इसका ट्रायल शुरू कर दिया गया है। जल्द ही इसे शुरू कर लिया जाएगा।
आइके त्रिपाठी, अधीक्षण अभियंता, सिटी सर्किल
लागत 17.5करोड़ रुपए
डिवाइस-कुल लगी
सेक्शनलाइजर-103
रिंग मेन यूनिट-166
ऑटो रिक्लोजर- 18
डिवाइस और उनके काम
सेक्टनेलाइजर : किसी भी फीडर के किसी भी सेक्शन में फॉल्ट होने पर यह डिवाइस उस एरिया को ड्रिप कर देगी। फॉल्ट सुधरते ही डिवाइस लाइन को दोबारा चालू कर देगी।
ऑटो डीक्लोजर : यह डिवाइस सेक्टनेलाइजर के साथ काम करेगी। यदि किसी एरिया में फॉल्ट से सेक्टनेलाइजर से बिजली आपूर्ति बंद होने पर डिवाइस फॉल्ट सुधरने पर सम्बंधित फीडर या एरिया की बिजली आपूर्ति पुन: शुरू कर देगी।
रिंग मेन यूनिट : रिंग मेन यूनिट (आरएमयू) सीधे ट्रांसफॉर्मर से जुड़ी होगी। इसका सम्पर्क ११ केवी लाइन से होगा। किसी सब स्टेशन में समस्या आने पर आरएमयू दूसरे फीडर से बिजली सप्लाई शुरू कर देगी।
कंट्रोल सेंटर : किसी लाइन में फॉल्ट होने की जानकारी विभिन्न डिवाइस के जरिए कंट्रोल सेंटर तक पहुंचेगी। कंट्रोल सेंटर से सम्बंधित कर्मचारियों को जानकारी दी जाएगी। इससे फॉल्ट तलाशने में आसानी होगी।
वर्जन
स्काडा के तहत लगाए गए हाईटेक डिवाइस का ट्रायल शुरू कर दिया गया है। इसका ट्रायल शुरू कर दिया गया है। जल्द ही इसे शुरू कर लिया जाएगा।
आइके त्रिपाठी, अधीक्षण अभियंता, सिटी सर्किल