काउंसलिंग बिना एमडीएस में प्रवेश, मेडिकल विवि ने ४३ और छात्रों का नामांकन रोका, डेंटल कॉलेजों में ११३ प्रवेश में सिर्फ १९ छात्र-छात्राएं काउंसलिंग
एक बार फिर नीट की गाज छात्रों पर गिरी है। अबकी बार फर्जी तरीके से लिए गए प्रवेश पर कार्रवाई हुई है। राज्य के डेंटल कॉलेजों में बिना नीट काउंसलिंग (एआईपीजीई) के एमडीएस में प्रवेश लेने वाले ४३ और छात्र-छात्र-छात्राओं पर शुक्रवार को आखिरकार गाज गिर ही गई। मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी ने गुरुवार देर शाम ४४ डॉक्टरों का नामांकन निरस्त किया था, जबकि, शुक्रवार को शेष ४३ का नामांकन रोक दिया गया है। इस कार्यवाही से राज्य के सात डेंटल कॉलेजों में हड़कम्प की स्थिति है। सात डेंटल कॉलेजों में ११४ सीट में से ११३ डेंटल डॉक्टरों ने प्रवेश लिए थे।
रेवा लेडीज क्लब ने किया गरबा सेलिब्रेशन, जमकर नाचीं महिलाएं
गुजराती परम्परा के साथ कीच और सुरती के रंगों से सजा गरबा होटल समदडि़या इन में सेलिब्रेट किया गया। रेवा लेडीज क्लब के सदस्यों ने मां की भक्ति के सबसे बड़े उत्सव को मनाते हुए आकर्षक डांडिया रास की प्रस्तुति से माहौल बदल दिया। इस दौरान मटकी में सांस अटकी जैसे सरप्राइजिंग गेम्स भी खास रहे। जिसमें मटकी में छिपे हुए सामान की पर्ची खोजकर निकालनी थी। इसके बाद सदस्यों ने गरबा हाउजी का भी आनंद लिया। कार्यक्रम के दौरान बेस्ट परिधान, मेकअप और गरबा क्वीन जैसे टाइटल्स भी दिए गए।
युवाओं को इनोवेशन के अवसर तलाशने चाहिए, गवर्नमेंट साइंस कॉलेज में इंजीनियर्स डे के मौके पर हुआ आयोजन
वर्तमान दौर इनोवेशन और बदलावों का है। इस बात को ध्यान में रखते ही युवाओं को अधिक से अधिक जीवन में इनोवेटिव आइडियाज पर फोकस करना चाहिए। स्टूडेंट्स को यह समझना होगा कि जब वे किसी इतिहास के बारे में पढ़ते हैं तो उसके समकक्ष कुछ करने का प्रयास करनार चाहिए। यह बातें युवाओं को गवर्नमेंट साइंस कॉलेज में आयोजित वर्कशॉप के दौरान समझाई गई। शुक्रवार को कॉलेज में आईक्यूएसी विभाग के तत्वावधान में इंजीनियर्स डे पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
हिन्दी हमारी पहचान, विश्व ने समझा इसका महत्व
हिन्दी पखवाड़ा समापन पर मिले पुरस्कार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन क्षेत्रीय कार्यालय में हिन्दी पखवाड़ा संपन्न हुआ। इस अवसर पर क्षेत्रीय आयुक्त इंदौर अजय मेहरा, क्षेत्रीय आयुक्त जबलपुर मो. अशरफ कामिल, महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव, डॉ. राजेश धीरावाणी एवं डॉ. जितेन्द्र जामदार उपस्थित रहे। इसी क्रम में अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन महिला परिषद् पारस समिति शाखा के तत्वावधान में हिन्दी दिवस और क्षमावाणी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। महिलाओं ने धार्मिक तम्बोला भी खेला और हिन्दी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए संगोष्ठी भी सम्पन्न हुई। इस मौके पर अध्यक्ष छाया मोदी, सचिव जूली जैन, कोषाध्यक्ष अर्चना जैन, पूजा, मनीषा, नम्रता, डॉली उपस्थित थीं।
बास्केटबॉल प्रतियोगिता में सेंट अलॉयसियस ने दर्ज की शानदार जीत
जबलपुर. अंतर महाविद्यालयीन महिला बास्केटबॉल प्रतियोगिता का खिताब सेंट अलॉयसियस कॉलेज ने जीत लिया। होमसाइंस कॉलेज में आयोजित हुई प्रतियोगिता के निर्णायक मुकाबले में अलॉयसियस की टीम ने माता गुजरी कॉलेज को ५०-१२ अंकों से पराजित किया। मैच में साक्षी, शिवानी, वैशाली, बबीता एवं दिव्या का खेल सराहनीय रहा। समापन समारोह के मुख्य अतिथि सेंट अलॉयसियस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. वहजन अराषु रहे। अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. शशिबाला श्रीवास्तव ने की। विशिष्ट अतिथि विष्णु चंसौरिया रहे।
पुलिस वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता में मेजबान जबलपुर बना ओवरऑल चैम्पियन
जबलपुर. 18 वीं पूर्वी जोन अन्तर्जिला पुलिस वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता में मेजबान जबलपुर जिलाके खिलाडि़यों ने सभी खेलों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए ओवरऑल चैम्पियनशिप के खिताब पर कब्जा किया। पुलिस परेड ग्राउंड में समापन समारोह के मुख्य अतिथि कस्टम्स एवं जीएसटी कमिश्नर प्रमोद कुमार अग्रवाल, पुलिस उप महानिरीक्षक जबलपुर रेंज भगवत सिंह चौहान, डीआईजी होमगार्ड विशद तिवारी एवं पुलिस अधीक्षक शशिकांत शुक्ला ने विजेताओं को पुरस्कृत किया।
विश्वमोहिनी और मुनि नारद के मंचन ने मोहा मन, गोविन्दगंज रामलीला में प्रभु राम के अवतार पर जयकारे
मिलौनीगंज स्थित गोविन्दगंज रामलीला में शुक्रवार को प्रथम दिन नारद मोह के मंचन में श्रद्धालु आनन्दित और भाव विभोर हुए। मुनि नारद हिमालय पर्वत की तपस्या में लीन थे। इन्द्र के मन में नारद से इन्द्रासन छीनने का भय व्याप्त हुआ। कामदेव की काम कलाओं से मुनि की तपस्या भंग नहीं हुआ तो नारद को अहंकार हुआ। फिर भगवान विष्णु ने नारद की शादी विश्वमोहिनी से कराने की माया रची। मुनि के मन में शादी का भाव आया और भगवान ने उन्हें बंदर का स्वरूप दिया। जब नारद को बंदर मुंह होने का अहसास हुआ तो मार्मिक दृश्य ने दर्शकों को आनन्दित कर दिया।
सोने-चांदी को मात दे रहे सिक्कों से बने जेवर, अग्रसेन माधवी मंडल ने आयोजित की अनूठी प्रतियोगिता
अभी तक सिक्के या कॉइन्स खरीददारी के काम आते थे। विनिमय प्रथा में सिक्कों का चलन जब से शुरू हुआ है तब से इनका प्रयोग केवल करंसी के तौर पर ही किया गया, लेकिन अग्रसेन माधवी मंडल के द्वारा इन सिक्कों से ज्वैलरी बनाने का अनूठा आयोजन संपन्न हुआ। जहां ४५ से अधिक प्रतिभागियों ने एक, दो, पांच और दस के सिक्कों से आकर्षक और कलात्मक ज्वैलरी बनायी। स्पर्धा में प्रतिभागियों की रचनात्मकता देखने लायक थी। १० के सिक्के से मांग टीका बनाया, तो वहीं ५ के सिक्कों को जोड़कर कंगन की शक्ल दी गई।