बाघिन की शिफ्टिंग नहीं होने से कुआं, करौंदी व कुठिया महगवां गांव सहित समीपी गांव के रहवासियों की परेशानी बरकरार है। बाघिन के हमले से इन गांव में तीन लोगोंं की जान जा चुकी है। बाघिन ने 20 मवेशियों का शिकार भी किया है। रेस्क्यू ऑपरेशन टीम में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर मृदुल पाठक, डीएफओ कटनी अजय कुमार पांडे, बांधवगढ़ टाइगर रिवर्ज के वन्यप्राणी चिकित्सक डॉ. नितिन गुप्ता, रेंजर बरही वीएस चौहान, रेंजर खितौली आरके मरकाम सहित वन विभाग के एक्सपर्ट शामिल रहे। बांधवगढ़ टाइगर रिवर्ज के फील्ड डायरेक्टर मृदुल पाठक ने बताया कि बाघिन की शिफ्टिंग के लिए प्रयास जारी हंै। मौका मिलते ही शिफ्टिंग ऑपरेशन किया जाएगा। रेस्क्यू टीम के सदस्य और हाथी अभी वहीं रहेंगे।
इससे पहले बरही तहसील के कुआं, करौंदी व आसपास के गांव में दहशत का पर्याय बनी बाघिन शनिवार दोपहर १ बजे अपने दोनों शावकों के साथ दिखी। कुआं बीट के पटपरहा नाला के समीप बाघिन का एक शावक ऊपर टीले में बैठा था तो दूसरा शावक बाघिन के पास में ही लेटा था। इस शावक के पास बाघिन कुछ देर रुकी फिर थोड़ी दूर जाकर आराम करने लगी। बाघिन और उसके दोनों शावकों की यह अटखेलियां रेस्क्यू दल के एक कर्मचारी ने अपने मोबाइल कैमरे में कैद की और पत्रिका को उपलब्ध कराई।
ऐसे चला ऑपरेशन शाम 5 बजे शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन, पटपरहा नाला के समीप दोनों शावकों को बेहोश किया।
2 टीम बनाए गए थे शिफ्टिंग के लिए। शावकों के बेहोश होते ही शिफ्टिंग ऑपरेशन में वाहनों में रखने अलग-अलग टीम एक्टिव हो गई।
6.30 बजे शाम दोनों शावकों को कुआं बीट से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के लिए रवाना किया गया।
5 हाथी तैनात किया गए रेस्क्यू ऑपरेशन में, 10 गाडिय़ों से पहुंचे थे रेस्क्यू टीम के सदस्य।
2 टीम बनाए गए थे शिफ्टिंग के लिए। शावकों के बेहोश होते ही शिफ्टिंग ऑपरेशन में वाहनों में रखने अलग-अलग टीम एक्टिव हो गई।
6.30 बजे शाम दोनों शावकों को कुआं बीट से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के लिए रवाना किया गया।
5 हाथी तैनात किया गए रेस्क्यू ऑपरेशन में, 10 गाडिय़ों से पहुंचे थे रेस्क्यू टीम के सदस्य।