जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के ईएनटी विभाग के पीजी स्टूडेंट डॉ. योगेश सिंह कौरव एवं रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी के रिसर्च स्कॉलर अशीष कुमार यादव फ्रेंड हैं। उन्होंने आओ कोरोना को हराया गेम बनाया है। यह न सिर्फ मनोरंजन का माध्यम है बल्कि साइंटिफिक नॉलेज भी है। सभी खिलाडिय़ों को एक से शुरू होकर 100 क्रमांक तक पहुंचना है। इसमें लूडों की 6 नम्बर वाली गोटी या इरेजर रबर को चौकोर काटकर उसमें नम्बर डालकर चाल चल सकते हैं। सांप सीढ़ी की तर्ज पर नम्बर के अनुसार अपनी बारी में खिलाड़ी आगे बढ़ेगा। सुरक्षा उपायों के अनुसार उनके अंक कम या ज्यादा होंगे। जैसे प्रतिरोधक क्षमता है तो 5 नम्बर एक्सट्रा बढ़ेंगे जबकि, कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर व्यक्ति अपने नम्बर के पहले अस्पताल में वापस आएगा और 14 दिन क्वेरेंटाइन होगा यानी उसका नम्बर आने पर एक चाल का चांस नहीं मिलेगा।
डॉ. योगेश के अनुसार कोरोना कोविद 19 के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशा निर्देशों को इसमें शामिल किया गया है। सोशल डिस्टेंसिंग, हाथ धोना, साफ-सफाई, मास्क लगाना, कोरोना वायरस से संभावित खतरे बचने के लिए डॉक्टर को दिखाना, हॉस्पिटल जाना, क्वेरेंटाइन होना जैसे स्टेप्स हैं।
खास बातें
-सुरक्षा उपाय वाले खाने में दो नम्बर आगे बढऩे का चांस
-साफ- सफाई वाले खाने पर आने पर 3 नम्बर आगे बढऩा है
-प्रतिरोधक क्षमता वाले खाने में गए तो 5 नम्बर एक्सट्रा बढ़ेंगे
-किसी बीमार के छींकने, खांसने पर 14 दिन सेल्फ क्वेरेंटाइन यानि एक चाद रद्द।
-कोरोना संक्रमित होने पर अस्पताल वापस, 14 दिन क्वेरेंटाइन यानी एक चाल रद्द।