गुलौआ चौक के किनारे से लेकर तालाब के किनारे तक खोमचे वालों का कब्जा होने लगा है। यहां चौक पर ठेले खड़े हो रहे हैं। ठेलों की आड़ लेकर यहां सड़क पर ही खान-पान वाले दुकान लगा रहे हैं। इन दुकान वालों ने पाथ-वे पर लोगों के लिए बैठक व्यवस्था की है, जिससे पाथ-वे शाम होते-होते तक पूरी तरह कब्जे में हो जाता है।
कबाडि़यों का कब्जा
कबाडि़यों का कब्जा
मुख्य सड़क और गुलौआताल जाने वाली सड़क के किनारे कबाड़ी कब्जा कर रहे हैं। यहां दोपहर से लेकर रात तक ये नजर आते हैं, जबकि यहां न तो कोई कबाड़ है और न ही घर हैं, जिससे इन्हें कबाड़ मिल सके। इनकी आड़ लेकर यहां बैंड-बाजे वाले भी कब्जा कर रहे हैं।
हॉकर जोन फिर भी कब्जा
जानकारों का कहना है कि यहां हॉकर जोन बनाया गया है लेकिन उसके बाद भी यहां लोगों ने कब्जा कर रखा है। हॉकर जोन के लिए जगह आवंटित भी की गई है। इसके बावजूद वहां दुकानें नहीं लगाई जा रही है। मुख्य रोड से कब्जे शुरू होने की वजह से शाम के बाद यहां लोगों को आने-जाने में दिक्कत हो रही है। दरअसल, कब्जे की वजह से यहां सड़क छोटी हो जाती है और लोगों को आवागमन में दिक्कत होती है।
हॉकर जोन फिर भी कब्जा
जानकारों का कहना है कि यहां हॉकर जोन बनाया गया है लेकिन उसके बाद भी यहां लोगों ने कब्जा कर रखा है। हॉकर जोन के लिए जगह आवंटित भी की गई है। इसके बावजूद वहां दुकानें नहीं लगाई जा रही है। मुख्य रोड से कब्जे शुरू होने की वजह से शाम के बाद यहां लोगों को आने-जाने में दिक्कत हो रही है। दरअसल, कब्जे की वजह से यहां सड़क छोटी हो जाती है और लोगों को आवागमन में दिक्कत होती है।