ये है निर्देश
प्रत्येक कॉलेज इंस्टिट्यूट और यूनिवर्सिटी के अंदर और बाहर स्टूडेंट्स की सेफ्टी पर ध्यान दिया जाएगा। उन्हें किसी तरह का स्ट्रेस, पढ़ाई संबंधी समस्याएं ना हो, इसके लिए यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने हाल ही में एक निर्देश जारी किया है। यूजीसी ने सभी यूनिवर्सिटी के लिए नोटिस जारी किया है, जिसमें कॉलेज इंस्टिट्यूट में स्टूडेंट्स काउंसलिंग सिस्टम को संचालित किया जाना है। इसके लिए स्टूडेंट्स काउंसलिंग सेंटर बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
टीचर्स, पेरेंट्स भी रहेंगे इन्वॉल्व
कई बार स्टूडेंट्स को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस बात को ध्यान रखते हुए उनके लिए एक विशेष इंटरैक्टिव या टारगेट ओरिएंटेड सिस्टम शुरू किया जा रहा है। इसमें स्टूडेंट्स, टीचर्स और पेरेंट्स भी इन्वॉल्व रहेंगे। उनकी एंजाइटी, स्ट्रेस को दूर करने के लिए यह प्लान बनाया जा रहा है। यह प्लान स्टूडेंट्स और इंस्टिट्यूशन के बीच एक पुल का काम करेगा। इसके तहत कॉलेजों में और इंस्टिट्यूशन में एक साइकोलॉजिस्ट को नियुक्त करने की भी बात की गई है।
सार्थक पहल
साइकोलॉजिस्ट डॉ. रत्ना जौहरी के मुताबिक कॉलेजों में इस तरह के सेंटर की बहुत आवश्यकता है। वर्तमान में कुछ ही कॉलेजों में यह सुविधाएं मौजूद हैं, लेकिन इसमें केवल मनोवैज्ञानिकता से जुड़ी समस्याओं का ही समाधान किया जाता है। यूजीसी का यह कदम सार्थक है।
जबलपुर की स्थिति
शहर के कॉलेजों में वीमन सेल हैं, लेकिन स्टूडेंट्स की समस्याओं देखने परखने का कोई सेल नहीं है।
कुछ प्राइवेट कॉलेज में काउंसलिंग है।
शहर के केन्द्रीय विद्यालयों में काउंसलिंग सेल हैं।