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स्टेशन के छह रास्तों से अनाधिकृत प्रवेश, देखें वीडियो

locationजबलपुरPublished: Mar 18, 2019 08:35:58 pm

Submitted by:

manoj Verma

डोर मैटल डिटेक्टर दिखावा बना, यात्रियों की जांच के नाम पर खानापूर्ति, प्रबंधन का दावा बेअसर

jabalpur railway station

डोर मैटल डिटेक्टर दिखावा बना, यात्रियों की जांच के नाम पर खानापूर्ति, प्रबंधन का दावा बेअसर

जबलपुर । रेलवे स्टेशन के मुख्य प्रवेश मार्ग को छोड़कर करीब छह रास्ते एेसे हैं, जिनसे अनाधिकृत रूप से लोग प्रवेश कर रहे हैं। यह मामला प्रवेश करने तक सीमित नहीं है बल्कि इस रास्ते से ट्रेनों में अवैध रूप लगेज ले जाने वाले माल ढो रहे हैं। अवैध माल लोड करने में अवैध वेंडरों के अलावा कुली भी शामिल हैं, जो इस इस माल को चोरी-छिपे प्लेटफॉर्म तक पहुंचा देते हैं। रेलवे स्टेशन के जगह-जगह बने रास्तों की हकीकत बयां करती एक्सपोज की रिपोर्ट…।
मुख्य रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म एक और छह से प्रवेश के लिए मुख्य द्वार हैं। इनमें प्लेटफॉर्म नंबर एक पर मैटल डिटेक्टर द्वार बनाया गया है। इस द्वार पर यात्रियों के सामानों की जांच की जाती है। अन्य द्वार पर टीसी के साथ सुरक्षा अमला मौजूद रहता है। प्लेटफॉर्म एक के दोनों छोरों में एक ओर जीआरपी तथा दूसरी ओर पार्सल विभाग है। प्लेटफॉर्म छह पूरी तरह छोर पर खुला हुआ है।
छह रास्तों से घुसपैठ
रेलवे स्टेशन के बाहरी प्लेटफॉर्म एक और छह पर करीब छह जगहों से अवैध रूप से लोगों की घुसपैठ हो रही है। इन जगहों से यात्रियों सहित बिना बुक किया लगेज लाया जा रहा है। यहां से आने वाला माल प्लेटफॉर्म एक से लेकर छह तक आसानी से भेज दिया जाता है। इन लगेजों में ज्यादातर सब्जियां, फल होते हैं, जो बिहार, उत्तरप्रदेश की ओर जाने वाली गाडि़यों में चढ़ाई जाती हैं।
सीएंडडब्ल्यू विभाग
रेलवे स्टेशन पर डीआरएम कार्यालय की ओर सीएंडडब्ल्यू विभाग है। यहां कोच की रिपेयरिंग का कार्य होता है। इस जगह से चोरी-छिपे माल प्लेटफॉर्म तक पहुंचाया जा रहा है। जानकारों के मुताबिक ट्रेन आने के पहले डीआरएम कार्यालय की ओर से माल लाकर वर्कशॉप के बाहर एकत्र कर लिया जाता है, फिर कुलियों से सेटिंग करके माल प्लेटफॉर्म तक पहुंचाया जाता है। माल ढुलाई के समय कार्यालय के कर्मचारी भी मौजूद रहते हैं लेकिन उसके बाद भी इन्हें रोका नहीं जाता है।
राउंड दी क्लॉक रेस्टॉरेंट के आगे
राउंड दी क्लॉक रेस्टॉरेंट के आगे स्टेशन की आउटर वॉल टूट गई है। यहां निर्माण कार्य किया जा रहा है। यहां रेस्टॉरेंट के बाजू से लोग घुसकर सीधे प्लेटफॉर्म के बाहर निकल रहे हैं। जानकार कहते हैं कि पहले टूटी दीवार की जगह एक गेट लगाया गया था, जिससे निर्माण कार्य में लगे कर्मचारी आते थे लेकिन यहां यात्रियों सहित अवैध रूप से माल ले जाने वाले लोग आने-जाने लगे हैं।
कटनी छोर
प्लेटफॉर्म एक और छह के कटनी छोर की हालत यह है कि यहां प्लेटफॉर्म के किनारे पूरी तरह खुले हुए हैं। प्लेटफॉर्म के किनारे लोगों के आने-जाने से पगडंडी बन गई है। जानकार कहते हैं कि इस पगडंडी से यात्री सहित अवैध माल ढोने वाले लोग ब्रिज नंबर एक के किनारे पहुंच जाते हैं और सीढि़यों से उतरकर सीधे सड़क पर आ जाते हैं। इन्हें मुख्य मार्ग जाने की जरूरत ही नहीं पड़ती है।
इटारसी छोर
प्लेटफॉर्म एक और छह के इटारसी छोर पर ज्यादातर अवैध रूप से माल ढोने वाले लोग ही मौजूद रहते हैं। इसमें रेल लाइन के किनारे अवैध वेंडर और ट्रेनों में फेरी करने वाले लोग मौजूद रहते हैं। होम सिग्नल करीब होने की वजह से कई बार यहां से ही अवैध वेंडर ट्रेनों में सवार हो जाते हैं। जानकार कहते हैं कि होम सिग्नल रुकते ही ये वेंडर ट्रेनों में सवार होते हैं और कुछ ट्रेनों में सवार लोग भी यहीं उतर जाते हैं।
दिखावा बनी कार्रवाई
आरपीएफ और जीआरपी की कार्रवाई दिखावा बन गई है। प्लेटफॉर्म पर मौजूद अवैध वेंडरों को पकडऩे की कार्रवाई की जा रही है लेकिन इन रास्तों से आने-जाने वाले वेंडरों सहित यात्रियों पर कार्रवाई नहीं होती है। यहां खुलेआम जान जोखिम में डालकर लाइन पार की जा रही है।
पटना सुपर है पसंदीदा
रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म चार-पांच से रवाना होने वाली पटना सुपर एक्सप्रेस अवैध वेंडरों की पसंदीदा ट्रेन हैं। इस ट्रेन में ही ज्यादातर माल ढोया जा रहा है। यह माल छेवकी, मुगलसराय, पटना आदि ले जाया जाता है। करीब पचास की संख्या में यह माल जनरल, स्लीपर कोच की सीट के नीचे रख दिया जाता है। रास्ते में टीटीई द्वारा पूछताछ किए जाने पर कोई भी इस लगेज को स्वीकार नहीं करता है, जिससे टीटीई इस पर कार्रवाई नहीं कर पाता है।
प्लेटफॉर्म से सुरक्षा अमला नदारद
पटना सुपर ट्रेन में जिस वक्त यह माल चढ़ाया जाता है, उस समय कोई भी सुरक्षा गार्ड मौजूद नहीं रहता है। स्टेशन मौजूद लोगों का कहना है कि अवैध वेंडर और सुरक्षा अमले की संाठगांठ से यह काम चल रहा है, जिससे रेलवे को रोजाना चूना लग रहा है।
पार्सल विभाग गायब
ट्रेनों में माल की लोडिंग-अनलोडिंग के समय पार्सल विभाग का एक बाबू मौजूद रहता है साथ ही माल लोड करने वाले हम्माल आदि रहते हैं। प्लेटफॉर्म पर बुक लगेज के अलावा भारी संख्या में लोड होने वाले इस पार्सल पर विभाग के कर्मचारी कुछ नहीं कहते हैं, जिससे इनकी भी मिलीभगत होने की आशंका है।
रेलवे स्टेशन पर अवैध वेंडरों को पकड़ा जा रहा है। बिना बुक किया लगेज ले जाने वालों पर कार्रवाई की गई थी, यदि ये फिर हो रहा है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। कामर्शियल विभाग से बातचीत की जाएगी।
वीरेन्द्र सिंह, निरीक्षक, आरपीएफ पोस्ट
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