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फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, ट्विटर व यू ट्यूब पर चल रहे हाईकोर्ट की कार्रवाई के अनधिकृत विडियोज

locationजबलपुरPublished: Aug 03, 2022 11:41:35 am

Submitted by:

Rahul Mishra

मप्र हाईकोर्ट की कार्रवाई के सीधे प्रसारण के विडियोज रिकॉर्ड कर फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, ट्विटर व यू ट्यूब पर अनधिकृत रूप से चलाए जाने को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। चीफ जस्टिस रवि मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की डिवीजन बेंच ने याचिकाकर्ता को मामले में हाईकोर्ट को भी पक्षकार बनाने के निर्देश दिए।

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जनहित याचिका में आरोप, हाईकोर्ट को भी पक्षकार बनाने के निर्देश
जबलपुर।
मप्र हाईकोर्ट की कार्रवाई के सीधे प्रसारण के विडियोज रिकॉर्ड कर फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, ट्विटर व यू ट्यूब पर अनधिकृत रूप से चलाए जाने को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। चीफ जस्टिस रवि मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की डिवीजन बेंच ने याचिकाकर्ता को मामले में हाईकोर्ट को भी पक्षकार बनाने के निर्देश दिए। याचिकाकर्ता की ओर से इस सम्बंध में आवेदन दे दिया है। अगली सुनवाई 19 सितंबर नियत की गई।
इंदौर के अधिवक्ता डॉ अमन शर्मा की ओर से यह जनहित याचिका दायर की गई। अधिवक्ता अभिनव धानोदकर ने कोर्ट को बताया कि मप्र हाईकोर्ट ने बीते वर्ष अपनी कार्रवाई की लाइव स्ट्रीमिंग आरम्भ की। यू ट्यूब के जरिए इसका प्रसारण किया जा रहा है। इसके लिए मप्र हाईकोर्ट लाइव स्ट्रीमिंग रूल्स 2021 बनाए गए। वहीं, सुप्रीम कोर्ट का त्रिपाठी के मामले में दिया गया दिशानिर्देश भी इसके लिए ही है। इन नियमों और सुको के न्याय दृष्टांत के तहत लाइव स्ट्रीमिंग के लिए वीडियो रिकॉर्डिंग व प्रसारण का अधिकार हाईकोर्ट को है।लेकिन कुछ लोग व संस्थान हाईकोर्ट की कार्रवाई की यू ट्यूब पर लाइव स्ट्रीमिंग की वीडियो रिकॉर्डिंग कर रहे हैं। इन रिकॉर्डेड विडियोज को मनचाहे तरीके से एडिट कर फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, व्हाट्सएप, यूट्यूब पर चलाया जा रहा है। इससे हाईकोर्ट की गरिमा को ठेस पहुंच रही है। याचिका में राहत चाही गई कि हाईकोर्ट की लाइव स्ट्रीमिंग की इस तरह अनधिकृत वीडियो रिकॉर्डिंग पर रोक लगाई जाए। इन विडियोज को सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्रतिबंधित किया जाए।
मंगलवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि याचिका में हाईकोर्ट को पक्षकार नहीं बनाया गया। इसलिए हाईकोर्ट को भी पक्षकार बनाने के निर्देश दिए गए।

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