यवुाओं का कहना है जबलपुर में उद्योग धंधे, रोजगार के अवसर नहीं हैं। रोजगार मेलों में बड़े पैकेज की नौकरियां दिलाने की बात कही गई, लेकिन ढंग की नौकरी नहीं मिलतीं। आवेदन करके थक गए पर लोन भी नहीं मिला। शहपुरा के अनूप कुमार का कहना युवाओं को स्किल्ड बनाने भी बड़ी-बड़ी बात की गई थीं पर हकीकत ये ही है कि इस दिशा में भी प्रयास नाकाफी रहे।
3 रोजगार मेले आयोजित
युवाओं को रोजगार के अवसर मुहैया कराने तीन रोजगार मेले आयोजित हो चुके हैं। हर बार बड़ी नामी कं पनियों के मेले में आने की बात कही गई। बताया गया कि बड़े पैकेज की नौकरी मिलेंगी। एमबीए, एमटेक से लेकर पीएचडीधारी बेरोजगार भी मेले में पहुंचे। लेकिन आयोजन स्थल पर पता लगा कि ज्यादातर बड़ी कं पनियां मेले में आईं ही नहीं। यानी मेला आयोजन के नाम पर भी खानापूर्ति कर ली गई। जितने युवा मेला में पहुंचे उनमें एक चौथाई को भी नौकरी नहीं मिल सकी।
आसानी से नहीं मिलता लोन
बेरोजगारों को लोन मिलना भी आसान नहीं है। मिलौनीगंज के मनोज तिवारी का कहना है, उसने स्वयं का व्यवसाय शुरू करने स्वरोजगार योजना के तहत कई बार आवेदन किया। बैंक वालों ने हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर लौटा दिया। उनका कहना है सरकार बैंक गारेंटर बनने के कितने ही दावे क्यों न करे हकीकत यही है कि बैंक अभी भी भुगतान क्षमता देखकर ही लोन स्वीकृत करते हैं। आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं को लोन मिलने की राह आसान नहीं है। सरकारी आंकड़े भी ये ही हकीकत बयां कर रहे हैं। जितने लोगों ने आवेदन किया, उनमें से लोन हासिल करने वालों की संख्या गिनती में है।
कोर्स पुराने युवा कैसे बनें कुशल
स्किल इंडिया के नाम पर युवाओं को कुशल बनाने भी कुछ खास प्रयास नहीं किए गए। तीन साल पहले नगर प्रवास के दौरान पूर्व केन्द्रीय मंत्री कलराज मिश्र ने यहां बड़ा इंस्टीट्यूट खोलने की बात कही थी, इस दिशा में कोई प्रयास नहीं हुआ। युवाओं को प्रशिक्षण के नाम पर केवल कम्प्यूटर कोर्स, फिटर, इलेक्ट्रीशियन, प्लम्बर जैसे कोर्स कराए जा रहे हैं। जिनकी बदौलत बड़े पैकेज की नौकरी मिलना संभव नजर नहीं आ रहा है।
युवा स्वाभिमान योजना के तहत पूर्व में जिन युवाओं का पंजीयन किया गया है, वे रिपोर्टिंग करने पहुंच रहे हैं। संबंधित विभागों में उनकी रिपोर्टिंग प्रक्रिया पूरी कराई जा रही है।
चंद्रमौलि शुक्ला, आयुक्त, नगर निगम
यह है स्थिति
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना-(50 हजार से 10 लाख तक के लोन का प्रावधान)
वर्ष 2015-16
875 का लक्ष्य
3500 लोगों ने आवेदन किया
888 लोगों को लोन मिला
वर्ष 2016-17
1000 का लक्ष्य
3804 लोगों ने किया आवेदन
1000 हजार लोगों को मिला लोन
वर्ष 2017-18
1200 का लक्ष्य
6174 लोगों ने आवेदन किया
1203 लोगों को मिला लोन
वर्ष 2018-19
2753 का लक्ष्य
10939 लोगों ने आवेदन किया
2269 लोगों को मिला लोन
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना- (10 लाख से लेकर 2 लाख तक ऋण का प्रावधान)
वर्ष-2015-16
55 का लक्ष्य
145 लोगों ने आवेदन किया
58 लोगों को मिला लोन
वर्ष 2016-17
55 का लक्ष्य
318 लोगों ने आवेदन किया
58 लोगों को मिला लोन
वर्ष 2017-18
55 का लक्ष्य
318 लोगों ने आवेदन किया
84 लोगों को मिला लोन
वर्ष 2018-19
67 का लक्ष्य
378 लोगों ने आवेदन किया
69 लोगों को मिला लोन
2018 में रोजगार मेला भी फ्लॉप
24 मई को पहला आयोजन
9500 आवेदक पहुंचे
5600 लोगों का चयन
11 जून को 6 हजार पदों के लिए दूसरा आयोजन
अमेजोन, पेटीएम, हिन्दुजा, इंडिया मेन पावर, मारुति इंफोटेक, वल्र्ड क्लास, रिसर्च इंडिया ग्रुप जैसी बड़ी कं पनियां नहीं आईं
15270 आवेदक पहुंचे
2735 लोगों का चयन
2 जुलाई को तीसरा आयोजन
5000 आवेदक पहुंचे
449 का चयन
युवा स्वाभिमान योजना
10 हजार युवाओं का पूर्व में हुआ है पंजीयन
रोजाना पांच सौ से ज्यादा युवा पहुंच रहे हैं
4 हजार के लगभग युवाओं ने अब तक नगर निगम मुख्यालय में की रिपोर्टिंग