सीपी एंड बरार के समय 1864 में गठित प्रदेश का सबसे पुराना नगरीय निकाय होने के बावजूद अब तक नगर में विकास सुनियोजित नजर नहीं आता है। नगर निगम की परिधि सात वर्ग मील से बढ़कर आज 50 किलोमीटर हो चुकी है। तकनीकी विशेषज्ञों के अनुसार नगर का क्षेत्रफल तो बढ़ता गया, लेकिन विकास के काम बिखरे नजर आते हैं। दरअसल यहां मास्टर प्लान तो बने, लेकिन जोनल प्लान नहीं बना। जबकि इंदौर और भोपाल में जोनल प्लान भी बने। नतीजतन दोनों शहरों में पर्याप्त संख्या में चौड़ी सड़कों और नए बाजारों का विकास हुआ।
चौड़ी सड़कें मिली न नए बाजार जबलपुर में आठ से ज्यादा एमआर (मेजर सड़कें), 12 से ज्यादा एसआर (सर्विस सड़कों) का निर्माण होना था। इनमें से महज एक ही मेजर सड़क एमआर 4 और गिनती की अधूरी सर्विस सड़कों ही निर्माण हो सका है। नतीजतन नगर वासियों को रोड नेटवर्क के नाम पर नए विकल्प नहीं मिले। पुरानी सड़कों पर ही यातायात का दबाव बढ़ रहा है। इसी तरह बाजार के नाम पर आज भी नगर से लेकर समूचे महाकोशल के लोग बड़ा फुहारा, सराफा, अंधेरदेव, निवाडग़ंज की तंग गलियों में जूझने को मजबूर हैं। टाउन प्लानर्स के अनुसार यदि नगर का जोनल प्लान बना होता और सेक्टरवार विकास होता तो यहां भी चौड़ी सड़कों और बाजारों का विकास होता।
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मास्टर प्लान और जोनल प्लान में अंतर - मास्टर प्लान समूचे निवेश क्षेत्र का होता है, जबकि जोनल प्लान नगर में किसी नए प्लानिंग एरिया में 100-150 हेक्टेयर इलाके को चिह्नित कर उसका सेक्टर वार विकास किया जाता है।
- मास्टर प्लान की अवधि लम्बी होती है, जबकि जोनल प्लान सीमित समय का होता है।
मास्टर प्लान और जोनल प्लान में अंतर - मास्टर प्लान समूचे निवेश क्षेत्र का होता है, जबकि जोनल प्लान नगर में किसी नए प्लानिंग एरिया में 100-150 हेक्टेयर इलाके को चिह्नित कर उसका सेक्टर वार विकास किया जाता है।
- मास्टर प्लान की अवधि लम्बी होती है, जबकि जोनल प्लान सीमित समय का होता है।
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ऐसे बढ़ा नगर निगम का क्षेत्रफल - 07 वर्ग मील क्षेत्रफल था 1864 में सीपी एंड बरार के समय
- 52 वर्गमील वर्ष 1959 में - 245 वर्ग किमी है वर्तमान निवेश क्षेत्र
- 375 वर्ग किमी नए मास्टर प्लान में होने वाला है निवेश क्षेत्र
- 100-150 हेक्टेयर जमीन के सेक्टरवार विकास के लिए बनाया जाता है जोनल प्लान .....................
निगमायुक्त ने दी सैद्धांतिक सहमति नगर निगम क्षेत्र में जोनल प्लान तैयार करने के लिए निगमायुक्त आशीष वशिष्ठ ने टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के संचालक को पत्र लिखकर सैद्धांतिक सहमति दी है।
निगमायुक्त ने दी सैद्धांतिक सहमति नगर निगम क्षेत्र में जोनल प्लान तैयार करने के लिए निगमायुक्त आशीष वशिष्ठ ने टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के संचालक को पत्र लिखकर सैद्धांतिक सहमति दी है।
- जोनल प्लान आवश्यक
स्ट्रक्चर इंजीनियर टाउन प्लानर इंजीनियर संजय वर्मा के अनुसार नगर के सुनियोजित सेक्टरवार विकास के लिए जोनल प्लान आवश्यक है। लम्बे समय से इसकी आवश्यकता महसूस की जा रही है। लेकिन इस दिशा में काम नहीं हुआ। सेक्टरवार विकास के लिए जोनल प्लान तैयार करने की दिशा में शुरुआत होना अच्छी पहल है।
स्ट्रक्चर इंजीनियर टाउन प्लानर इंजीनियर संजय वर्मा के अनुसार नगर के सुनियोजित सेक्टरवार विकास के लिए जोनल प्लान आवश्यक है। लम्बे समय से इसकी आवश्यकता महसूस की जा रही है। लेकिन इस दिशा में काम नहीं हुआ। सेक्टरवार विकास के लिए जोनल प्लान तैयार करने की दिशा में शुरुआत होना अच्छी पहल है।
इंजी. संजय वर्मा, स्ट्रक्चर इंजीनियर टाउन प्लानर