सुबह पांच बजे शुरू हो जाती है डïयूटी
जिले के सबसे बड़े सिहोरा सम्भाग की जिम्मेदारी निभाने वाली एसडीओपी भावना मरावी के तीन बच्चे हैं। सबसे बड़ा बेटा 10 साल का है। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण के बाद 22 मार्च से सुबह पांच बजे उनकी ड्यूटी शुरू हो जाती है। दोपहर तक सम्भाग के सभी थानों की पेट्रोलिंग करती हैं। देर रात 11 बजे तक क्षेत्र में रहनती हैं। कस्बों में समाजसेवी संस्थाओं के माध्यम से जरूरतमंदों को भोजन बंटवाने सहित पुलिस कर्मियों की परेशानी को भी दूर करना पड़ता है। दो बच्चे छोटे हैं। इसलिए वे पूरी सावधानी भी बरत रही हैं। रात में घर पहुंचने पर पहले खुद को सेनेटाइज करती हैं। फिर गरम पानी से नहाने के बाद ही बच्चों के पास जाती हैं।
बच्चे छोटे हैं, फिर भी ड्यूटी में कोताही नहीं
तिलवारा थाने की टीआई रीना पांडे भी दो बच्चों की मां हैं। मेडिकल से लेकर बायपास और शहर में प्रवेश करने वाले एंट्री प्वॉइंट पर नजर रखती हैं। दोनों बच्चे अभी छोटे हैं। सास भी बुजुर्ग हैं। इसलिए घर की सभी जिम्मेदारी भी निभाना पड़ता है। बच्चों को कोई परेशानी न हो, इसलिए घर में भी सोशल डिस्टेंसिंग लागू कर रखा है। सुरक्षा के सारे मानकों का पालन करने के बाद ही बच्चे उन तक पहुंच पाते हैं।
संक्रमण के खतरे के बीच ड्यूटी की चुनौती
कोरोना संकट काल में संजीवनी नगर थाने की टीआई भूमेश्वरी चौहान दिन हो या रात, थाना क्षेत्र में लॉकडाउन का पालन कराने और लोगों को भोजन पहुंचाने तक की जिम्मेदारी सम्भाल रही हैं। चौहान के मुताबिक ड्यूटी में संक्रमण का खतरा बना रहता है, लेकिन खुद की सुरक्षा के साथ आमजन की सुरक्षा भी उनकी जवाबदारी है। बच्चे सुरक्षित रहें, इस कारण घर से बाहर रह रही हूं। बच्चों से फोन पर ही बात हो पाती है।