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Corona crisis के बीच बच्चों और लोगों को सम्भाल रहीं वर्दीधारी माताएं

locationजबलपुरPublished: May 10, 2020 01:09:33 pm

Submitted by:

santosh singh

मातृ दिवस पर विशेष-विपरीत परिस्थितियों में भी कर रहीं काम

Mother's Day: मेरा अभिमान और मेरी पहचान मेरी मां है, आज जो भी हूं उसके पीछे उनका कठिन संघर्ष है

Mother’s Day: मेरा अभिमान और मेरी पहचान मेरी मां है, आज जो भी हूं उसके पीछे उनका कठिन संघर्ष है

जबलपुर. कोरोना संक्रमण के बीच वर्दी पहन कर सुबह से देर रात तक लोगों के बीच रहकर लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने वाली महिला पुलिस कर्मी दोहरी जिम्मेदारी निभा रही हैं। वैसे तो मां बच्चों को अपने ममता के आंचल से दूर नहीं करती, लेकिन जब बात उनकी सुरक्षा से जुड़ी हो तो दिल पर पत्थर रखकर भी यह निर्णय लेना पड़ता है। कोरोना संक्रमण के बीच कई महिला पुलिस कर्मी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाने के साथ बच्चों को भी सम्भाल रही हैं। ‘पत्रिका’ ने कुछ ऐसी वर्दीधारी माताओं से बात की।

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सुबह पांच बजे शुरू हो जाती है डïयूटी
जिले के सबसे बड़े सिहोरा सम्भाग की जिम्मेदारी निभाने वाली एसडीओपी भावना मरावी के तीन बच्चे हैं। सबसे बड़ा बेटा 10 साल का है। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण के बाद 22 मार्च से सुबह पांच बजे उनकी ड्यूटी शुरू हो जाती है। दोपहर तक सम्भाग के सभी थानों की पेट्रोलिंग करती हैं। देर रात 11 बजे तक क्षेत्र में रहनती हैं। कस्बों में समाजसेवी संस्थाओं के माध्यम से जरूरतमंदों को भोजन बंटवाने सहित पुलिस कर्मियों की परेशानी को भी दूर करना पड़ता है। दो बच्चे छोटे हैं। इसलिए वे पूरी सावधानी भी बरत रही हैं। रात में घर पहुंचने पर पहले खुद को सेनेटाइज करती हैं। फिर गरम पानी से नहाने के बाद ही बच्चों के पास जाती हैं।

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बच्चे छोटे हैं, फिर भी ड्यूटी में कोताही नहीं
तिलवारा थाने की टीआई रीना पांडे भी दो बच्चों की मां हैं। मेडिकल से लेकर बायपास और शहर में प्रवेश करने वाले एंट्री प्वॉइंट पर नजर रखती हैं। दोनों बच्चे अभी छोटे हैं। सास भी बुजुर्ग हैं। इसलिए घर की सभी जिम्मेदारी भी निभाना पड़ता है। बच्चों को कोई परेशानी न हो, इसलिए घर में भी सोशल डिस्टेंसिंग लागू कर रखा है। सुरक्षा के सारे मानकों का पालन करने के बाद ही बच्चे उन तक पहुंच पाते हैं।

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संक्रमण के खतरे के बीच ड्यूटी की चुनौती
कोरोना संकट काल में संजीवनी नगर थाने की टीआई भूमेश्वरी चौहान दिन हो या रात, थाना क्षेत्र में लॉकडाउन का पालन कराने और लोगों को भोजन पहुंचाने तक की जिम्मेदारी सम्भाल रही हैं। चौहान के मुताबिक ड्यूटी में संक्रमण का खतरा बना रहता है, लेकिन खुद की सुरक्षा के साथ आमजन की सुरक्षा भी उनकी जवाबदारी है। बच्चे सुरक्षित रहें, इस कारण घर से बाहर रह रही हूं। बच्चों से फोन पर ही बात हो पाती है।

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