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unipole-hoarding की जांच करेगी समिति, 15 दिन में आएगी रिपोर्ट

दावा किया गया है कि 24 घंटे में इसका गठन कर जांच शुरू की जाएगी। समिति 15 दिन में रिपोर्ट देगी।

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hoarding शहरभर में विभिन्न स्थानों पर जंग लगे पाइप पर होर्डिंग व यूनिपोल लगा रखे हैं। साथ ही पुराने डिजाइन के खतरनाक हो चुके होर्डिंग स्ट्रक्चर हटाने में भी नगर निगम के अधिकारियों के हाथ कांप रहे हैं।

hoarding

unipole-hoarding : यूनिपोल पर फ्लेक्स बदलने के दौरान हुए हादसे के तीन दिन बाद आखिरकार नगर निगम ने यूनिपोल और होर्डिंगों की जांच के लिए समिति गठित करने की घोषणा की है। समिति के सदस्यों की संया और नाम हालांकि अभी तय नहीं हो सके हैं। निगम की आधिकारिक जानकारी के अनुसार दावा किया गया है कि 24 घंटे में इसका गठन कर जांच शुरू की जाएगी। समिति 15 दिन में रिपोर्ट देगी। उल्लेखनीय है कि पत्रिका ने पूर्व में भी समाचार श्रृंखला के तहत अवैध होर्डिंग से आम नागरिकों की सुरखा को खतरा और निगम को हो रहे नुकसान को लेकर चेताया था।

unipole-hoarding : पहले भी बन चुकी समिति, नतीज शून्य

निगम ने पूर्व में भी वैध और अवैध यूनिपोल व होर्डिंग की जांच के लिए 3 जुलाई 2024 को जाँच समिति का गठन किया था। इसमें नगर निगम क्षेत्र के सभी वैध-अवैध यूनिपोल होर्डिंग को चिन्हित कर जांच करना थी। निगम की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि समिति में शामिल तत्कालीन अधीक्षण यंत्री अजय शर्मा 30 अगस्त को सेवानिवृत्त हो गए, लेकिन उनकी जगह किसी को भी नियुक्ति नहीं किया गया। इतना ही नहीं समिति की रिपोर्ट व उस पर की गई कार्रवाई की जानकारी महापौर और सदन को भी नहीं दी गई।

unipole-hoarding : महापौर से मिले संगठनों के प्रतिनिधि

वैध और अवैध यूनिपोल व होर्डिंग की जांच के समिति करेगी। यह 15 दिन में रिपोर्ट देगी। महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने मंगलवार नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच व अन्य सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि मंडल को इसकी जानकारी दी। इस दौरान नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच, भारतीय वरिष्ठ नागरिक एसोसिएशन व महिला समिति के प्रतिनिधिमंडल में वेदप्रकाश अधौलिया, सुशीला कनौजिया, संतोष श्रीवास्तव, हरजीवन विश्वकर्मा, विनायक राव सोरते, आरके. सिंह भी शामिल थे।

unipole-hoarding : स्वीकृत संख्या से अधिक होर्डिंग

शहर में विज्ञापन नीति के धज्जियां उड़ाते हुए होर्डिंग और यूनिपोल का जाल खड़ा कर दिया गया है। शहर के प्राइम लोकेशनों पर अवैध स्ट्रक्चर खड़े कर दिए गए। निगम को इतने वर्षों में विज्ञापनों से कौड़ी के भाव ही आमदनी हो सकी। ऐसे में एडवरटाइजर्स और अधिकारियों की मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता है। नगर में मॉडल रोड से लेकर यादव कालोनी समेत कई और अवैध और भारी भरकम स्ट्रक्चर राहगीरों का ध्यान भटकाते हैं।

unipole-hoarding : मृतक के परिवार को 50 हजार की मदद राशि

इधर, यूनिपोल हादसे में जान गंवाने वाले मृतक के परिवार को रेडक्रास सोसायटी से 50 हजार रुपये की मदद राशि देने की भी घोषणा की गई। कलेक्टर से चर्चा के बाद महापौर जगत बहादुर सिह अन्नू ने बताया कि मृतक के परिवार को रेडक्रॉस सोसायटी के माध्यम से तत्काल 50 हजार रुपये की राशि प्रदान की।