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MP का अनूठा क्रोकोडाइल पार्क, पहली बार होगी यहां के मगरमच्छों की गणना

locationजबलपुरPublished: Dec 23, 2018 06:13:11 pm

Submitted by:

Premshankar Tiwari

बाहर मैदान में घूमते नजर आते हैं यहां के मगरमच्छ

unique crocodile park of MP

बाहर मैदान में घूमते नजर आते हैं यहां के मगरमच्छ

जबलपुर। मगरमच्छों का करीब से दीदार करना है तो जबलपुर आईए। यहां परियट नदी के एक हिस्से में मगरमच्छ खुले मैदान में उदलकूद करते नजर आते हैं। बारिश में तो मगरमच्छों के बच्चे लोगों के घरों तक पहुंच जाते हैं। बच्चे इनका जमकर आनंद लेते हैं। हालांकि जागरूक ग्रामीण चिंतित हैं कि घोषणाओं के बाद भी यहां घोषित क्रोकोडाइल पार्क को मूर्त रूप नहीं मिल पा रहा है। हालांकि परियट नदी में पहली बार मगरमच्छों के कुनबे की गणना की जा रही है। इसके लिए ग्वालियर के विशेषज्ञ आने वाले हैं। मगरमच्छों की संख्या के आधार पर संरक्षण का प्रोजेक्ट बनाया जाएगा। वन्य प्राणी मुख्यालय भोपाल के निर्देश पर मुख्य वन संरक्षक जबलपुर ने गणना की प्रक्रिया शुरू की है।

3 हजार से ज्यादा मगरमच्छ
वन्य प्राणी विशेषज्ञों के अनुमान के मुताबिक परियट नदी में करीब 3 हजार से अधिक मगरमच्छ हैं। ग्वालियर के विशेषज्ञ निर्धारित क्षेत्र में मगरमच्छों की संख्या के अधार पर रिपोर्ट तैयार करेंगे। शिड्यूल वन के मगरमच्छों की आबादी पर्याप्त होने पर जबलपुर में क्रोकोडाइल सेंचुरी बनाने का रास्ता साफ होगा। वर्ष 2009 में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के प्रोजेक्ट से परियट नदी में क्रोकोडाइल पार्क बनाने का काम शुरू हुआ है। 54 लाख रुपए में फेंसिंग और अन्य कार्य होने के बाद अगली किश्त का बजट नहीं आया।

चमकेगा जबलपुर का पर्यटन
वन्य प्राणी विशेषज्ञ शंकरेंदु नाथ ने बताया, परियट नदी में क्रोकोडाइल सेंचुरी बनने के बाद जबलपुर का पर्यटन चमकेगा। मगरमच्छों का कुनबा बढ़ रहा है। घाना, मटामर आदि गांवों में मगरमच्छों की दस्तक होती है। घरों में मगरमच्छ घुसने के कारण लोग दहशत में हैं। क्रोकोडाइल सेंचुरी बनने के बाद परियट में रेत का खनन और मछुआरों द्वारा मछली के शिकार पर रोक लगेगी। मछलियां मारी जाने से मगरमच्छों के लिए आहार का संकट हो रहा है। यही कारण है कि ये मगरमच्छ लोगों के मवेशियों को अपना शिकार बना लेते हैं। इससे ग्रामीणों में भय व्याप्त रहता है। यहां फेंसिंग होने और क्रोकोडाइल सेंचुरी विकसित होने से जहां ग्रामीणों का भय खत्म होगा, वहीं पर्यटन की संभावनाओं को भी नए पंख लगेंगे।

मगरमच्छों की होगी गणना
वन्य प्राणी मुख्यालय के निर्देश के अनुसार परियट के मगरमच्छों की गणना कराई जाएगी। गणना के लिए ग्वालियर के विशेषज्ञ बुलाए जाएंगे।
डॉ. एम कालीदुरई, मुख्य वन संरक्षक

सेंचुरी के निर्माण का परीक्षण
परियट नदी के मगरमच्छों की गणना में आबादी का पता चलेगा। आबादी के अनुसार तय होगा कि क्रोकोडायल सेंचुरी बनाने की स्थिति है या नहीं।
दिलीप कुमार, एपीसीसीएफ, वन्य प्राणी, भोपाल

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