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मंजीत ने जीत लिया अमेरिका के ऑलम्पिक चैम्पियन का दिल, बने जीवनसाथी

locationजबलपुरPublished: Apr 13, 2018 09:11:03 pm

Submitted by:

Premshankar Tiwari

फेसबुक पर हुई दोस्ती, फोन पर बातों से परवान चढ़ा प्यार फिर बन गए हमसफर

unique Love story

मंजीत ने जीत लिया अमेरिका के ऑलम्पिक चैम्पियन का दिल

जबलपुर। रिश्ते सचमुच ऊपर वाला ही तय करता है.., तभी तो हजारों मील लम्बे फासले कम इतने जाते हैं कि कोई अनजाना भी बेहद करीब लगने लगता है। दूर देश में बैठा अजनबी जीवन भर का हरसफर बन जाता है। इसका एक और उदाहरण शुक्रवार को जबलपुर कलेक्ट्रेट परिसर पर देखने को मिला। यहां जबलपुर की मंजीत और अमेरिका के निवासी व ओलंपिक चैम्पियन एलेक्सी ग्रेवाल ने विवाह के पंजीयन के लिए आवेदन दिया। फेसबुक पर एक मामूली सी चैटिंग ने दोनों को इतना करीब कर दिया कि वे एक-दूजे ही हो गए। दोनों ने विधिवत विवाह कर लिया। इसमें दोनों के परिवारों के सदस्य भी शामिल हुए।

फेसबुक पर प्यार
मंजीत ने बताया कि एलेक्सी से चार साल पहले उनकी दोस्ती फे सबुक पर हुई। चैटिंग इसका माध्यम बना। पहले ही शब्द ने दोनों के मन अजीब हलचल पैदा कर दी। इसके बाद घंटों दोनों चैटिंग करने लगे। बाद में फोन पर बात, वीडियो कॉलिंग होने लगी। प्यार परवान चढ़ा तो दोनों ने सदा के लिए एक होने का फै सला कर लिया। परिवार वालों को बताया, उन्हें राजी कर लिया। फिर सबकी रजामंदी से ब्याह रचा लिया। मंजीत ने कहा कि एलेक्सी बेहद नेकदिल हैं। वहीं एलेक्सी ने कहा कि हम दोनों एक-दूसरे के लिए ही बने थे। अब जीवन भर इस प्यार को निभाएंगे।

मैरिज कोर्ट में आवेदन
परिवारजनों की मौजूदगी में विवाह की रस्म पूरी होने के बाद अब मंजीत और एलेक्सी ने स्पेशल मैरिज एक्ट के पंजीयन के लिए अपर कलेक्टर कोर्ट में आवेदन किया है। शुक्रवार को दोनों ने विवाह पंजीयन के लिए कलेक्ट्रेट में आवश्यक प्रक्रिया पूरी की। दोनों की शादी कलेक्ट्रेट में दिन भर चर्चा का विषय थी। लोग इस अजब संयोग की चर्चा करते नजर आए।

मां अमेरिकी, पिता हिन्दुस्तानी
एलेक्सी ने बताया कि उनके माता-पिता ने भी प्रेम विवाह किया था। उनकी मां क्रिस्टीना अमेरिका की रहने वाली हैं। जबकि पिता जसबीर ग्रेवाल पटियाला के रहने वाले हैं। वे 20 साल की उम्र में अमेरिका चले गए थे। उसके बाद वहीं क्रिस्टीना से ब्याह रचा लिया। वे अमेरिका में साइकिलिंग के राष्ट्रीय चैम्पियन हैं। एलेक्सी ने 1984 में लांस एंजलिस में आयोजित ओलंपिक स्पर्धा में साइकिलिंग का गोल्ड मैडल जीता था। मंजीत ने बताया की उसके परिवार में सभी को साइकिलिंग पसंद है। एलेक्सी का यही हुनर उन्हें भा गया। जबकि एलेक्सी को मंजीत की बहुत पसंद आई।

टीचर थीं मंजीत
मनजीत ने बताया कि उनका परिवार गोरखपुर में रहता है। मंजीत लम्बे समय तक राज्य वन अनुसंधान केन्द्र में रहीं। कई प्रोजेक्ट पर काम भी किया। कुछ समय तक स्कूल में शिक्षक के पद पर कार्यरत थीं। बाद में उन्होंने एसएफआरआई और टीचरशिप की जॉब छोड़ दी। कलेक्ट्रेट पंजीयन कराने पहुंचे लोगों में उनके परिवार के सदस्य भी शामिल थे।

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