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जबलपुर

बाल वैज्ञानिक का कमाल… देश की सीमा पर पैर रखते ही अपने आप खाक हो जाएंगे आतंकवादी

दुश्मनों को खुद खत्म कर देंगी सेंसर जुड़ी अनूठी गनें

जबलपुरDec 04, 2018 / 10:17 pm

Premshankar Tiwari

unique model created by the child scientist for indian army

बाल वैज्ञानिक का कमाल… देश की सीमा पर पैर रखते ही खाक हो जाएंगे आतंकवादी

जबलपुर। अब पाकिस्तानी का कोई आतंकवादी भारत की बॉर्डर पर कदम नहीं रख पाएगा और अगर धोखे से बॉर्डर पर कदम भी रखा तो उसका शरीर छलनी-छलनी हो जाएगा। जी हां, ऐसा सिस्टम नन्हें वैज्ञानिक ने मॉडल के रूप में तैयार किया है। अपने मॉडल में उन्होंने सीमा पर ऐसे सिस्टम दर्शाए हैं कि वे अपने आप यह भांप लेंगे कि दुश्मन देश का सैनिक या आतंकवादी हमारे देश में घुस रहा हैं। जैसे ही उसका पहला कदम बार्डर पर पड़ेगा, तो सेंसर के जरिए तुरंत ही अपने आप फायरिंग शुरू हो जाएगी। अगर वह भागने की कोशिश करेगा तो तारों में करंट से बच नहीं पाएगा। यह मॉडल उज्जैन से आए प्रतिभागी राजीव ने तैयार किया, जिसे खूब सराहना मिली।

कई बच्चों का अनूठा प्रदर्शन
राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान एवं अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय में मंगलवार से दो दिवसीय 31वां राज्य स्तरीय पश्चिमी भारत विज्ञान मेले का शुभारंभ हुआ। इस विज्ञान मेले में मध्यप्रदेश के सभी नौ जोन के विजेता प्रतिभागियों ने सहभागिता की। व्यक्तिगत प्रोजेक्ट, टीम प्रोजेक्ट में बालक-बालिका तथा शिक्षक प्रोजेक्ट में शिक्षकों द्वारा अपने प्रदर्शों का प्रदर्शन किया गया। विज्ञान मेले में जबलपुर समेत उज्जैन, ग्वालियर, खंडवा, भोपाल, देवास, शहडोल, रीवा, छतरपुर से प्रतिभागी शामिल हुए।

बच्ची ने बनाई वॉटर साइकिल
सिहोर से आई दीपिका वर्मा ने वॉटर साइकिल बनाई। इसमें उन्होंने चार कोनों पर ट्यूब फिट किए, जिससे यह पानी में चल सकेगी। नदी में इस साइकिल को स्पीड मिले, इसके लिए उन्होंने सामने और पैडल के पास पानी काटने के लिए टिन का प्रयोग। उन्होंने बताया कि गांव में अक्सर बाढ़ आने की आशंका रहती है। ऐसे में सुरक्षित स्थान तक पहुंचने के लिए यह साइकिल मददगार साबित होगी। उन्होंने इसे नदी में चलाकर प्रयोग भी कर लिया है।

इन्होंने रखे विचार
विभिन्न वर्गों में डॉ. पीआर साहू, डॉ. स्मिता श्रीवास्तव, डॉ. सीएम अवरोल, डॉ. सुनील गर्ग, डॉ. मनोज परिहार, डॉ. कार्तिक घोष, संस्थान के संचालक डॉ. दिनेश अवस्थी, डॉ. कलोल दास, डॉ. पीडी मिश्रा, डॉ. संगीता जांब ने निर्णायक की भूमिका निभाई। इसके साथ ही विशिष्ट अतिथि आइआइटी रुडक़ी से रिटायर्ड डॉ. सुभाष जोशी ने साइंस विषय पर विचार रखे। कार्यक्रम प्रभारी डॉ. सुसम्मा जॉनसन ने बताया कि बुधवार को प्रदर्शनी सुबह 10.30 बजे से प्रदर्शन के लिए खुली रहेगी। समापन समारोह दोपहर 2 बजे से प्रारंभ होगा।

इन मॉडल्स ने भी खींचा ध्यान
– जबलपुर से नावेद अंसारी ने हॉवरक्राफ्ट बनाया, जो कि पानी और धरती दोनों पर चलेगा। इसे सामान लाने-ले जाने के लिए उपयोग में लाया जा सकेगा।
– प्लास्टिक का प्रयोग कर सडक़ बनाने का आइडिया दिया। इसके साथ ही स्पीड ब्रेकर के जरिए बिजली उत्पादक का आइडिया।
– टीचिंग एड भी टीचर्स ने कमाल के तैयार किए। उत्तल, अवतल लैंस को पढ़ाने के लिए टीचर्स मनोरंजक टीचिंग एड बनाए।
– ह्यूमन बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन कैसे होता है, इसे बॉटल्स से तैयार किए गए टीचिंग एड के जरिए समझाया।
– विद्युत प्रवाह को भी टीचिंग एड के माध्यम से बताया। इस तरह के मॉडल ध्यान खींचने वाले रहे।

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