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इटली और ब्राजील के रंगीन कांचों से सजा है यह चर्च, हर तस्वीर में कुछ खास

locationजबलपुरPublished: Dec 24, 2017 06:33:37 pm

Submitted by:

Premshankar Tiwari

1850 के दशक में हुआ था संत पीटर एंड पॉल कैथेड्रिल क्राइस्ट चर्च का निर्माण, लैटिन में होती थी प्रार्थना

unique saint peter and paul cathedral christ church jabalpur

unique saint peter and paul cathedral christ church jabalpur

जबलपुर। प्रभु यीशु के जन्मोत्सव की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। शहर के गिरिजाघर दुल्हन की तरह सज गए हैं। मंगलवार २५ दिसंबर को यहां प्रभु यीशु का जन्म धूमधाम से मनाया जाएगा। विशेष प्रार्थनाएं होंगी। लोग केक काटकर एक दूसरे को शुभकामनाएं देंगे। यह क्रम अनवरत चलता रहेगा। इस बीच लोग संत पीटर एंड पॉल कैथेड्रिल क्राइस्ट की सुंदरता को निहारने के लिए भी पहुंचेंगे। यह चर्च है ही इतना खास। यहां की तस्वीरें बोलती नजर आती हैं। प्रभु यीशु की तस्वीर में तो ब्राजील और इटली से आयातित कांच लगे हुए हैं। इनकी ओट से प्रभु यीशु सतरंगी नजर आते हैं। सात रंगों से दमकती उनकी आभा को श्रद्धालु देखते ही रह जाते हैं।

१850 में हुआ निर्माण
मनीष जोसफ बताते हैं कि क्राइस्ट चर्च का निर्माण 1850 में हुआ था। इसकी इमारत बाहर से जितनी खूबसूरत हे। अन्दर से इसका स्वरूप और भी भव्य है। सजावट होने पर इसका हर कोना दमक उठता है। सजावट के बल्ब इसमें टिमटिमाते तारों की तरह नजर आते हैं। चर्च में ब्राजील के ग्लासेस इस्तेमाल करके प्रभु येशु का चित्र बनाया गया है। कई रंगों के ये ग्लास मोमबत्ती की रोशनी में और भी भव्य और आकर्षक दिखने लगते हैं।

जन्म का दृश्य
क्राइस्ट चर्च कैथेड्रिल संत पीटर एंड पॉल (सीएनआई) जितना भव्य है। उतना ही बेहतरीन कारीगरी इसमें देखने मिलती है। चर्च के अंदर प्रभु येशु का बहुत ही सुंदर चित्र बनाया गया है। बताया जाता है कि इसका निर्माण ईटली के ग्लासेस से किया गया है। इसमें येशु के जन्म का दृश्य नजर आता है। इसे देखने के लिए दूर दूर से लोग पहुंचते हैं।

लैटिन भाषा में प्रार्थना
जानकारों के अनुसार पहले क्रिसमस के अवसर पर इस चर्च में लैटिन भाषा में प्रार्थना की जाती थी, लेकिन समय के साथ परिवर्तन आता गया और ब्रिटिश भाषा में प्रार्थना की जाने लगी। अब अंग्रेजी के साथ ही हिंदी में भी प्रार्थना की जाती है। उस दौरान कई बड़े अंग्रेज अफसर इस में प्रार्थना करने आया करते थे।

42 से अधिक चर्च
संस्कारधानी में एक से बढ़कर एक चर्च हैं। इनकी संख्या 42 से अधिक है। अधिकांश चर्च अंग्रेजी शासनकाल के बने हुए हैं। उस दौरान जबलपुर में अंग्रेजों को हेडक्वार्टर हुआ करता था। अंग्रेजों ने अपनी आस्था और सामथ्र्य के अनुसार इनका निर्माण कराया था। क्रिसमस पर इन चर्चों में विशेष कार्यक्रम आयोजित होते थे। उत्सव का नजारा नए साल के पहले दिन तक बना रहता था।

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