जिले में 104 फीसदी अधिक टीके
जिले के गांवों में यदि देखा जाए तो कुछ गांवों में कमियों के बाद भी लक्ष्य से 104 फीसदी अधिक टीके लगाए गए जो कि अपने आप में बेहतर रिकार्ड है। दो सौ से अधिक गंावों में 35 हजार 690 लोगों को टीके लगाने का लक्ष्य रखा गया था जिसमें लक्ष्य से परे हटकर 37 हजार 103 टीके लगाए गए। अर्थात 1 हजार 413 टीके लक्ष्य से ज्यादा लगा दिए गए।
जहां दिखाई सक्रियता वहां बढ़ा रुझान
जानकारों का कहना है कि जिन पंचायतों में अधिकारियों, स्थानीय लोगों, वालेंटियर्स एवं जन प्रतिनिधियों ने सक्रियता दिखाई वहां टीका का प्रतिशत भी बढ़ा। लेकिन जहां सक्रियता कम थी उन गांवों में टीका का लक्ष्य पूरा नहीं हो सका।
जिले के गांवों में यदि देखा जाए तो कुछ गांवों में कमियों के बाद भी लक्ष्य से 104 फीसदी अधिक टीके लगाए गए जो कि अपने आप में बेहतर रिकार्ड है। दो सौ से अधिक गंावों में 35 हजार 690 लोगों को टीके लगाने का लक्ष्य रखा गया था जिसमें लक्ष्य से परे हटकर 37 हजार 103 टीके लगाए गए। अर्थात 1 हजार 413 टीके लक्ष्य से ज्यादा लगा दिए गए।
जहां दिखाई सक्रियता वहां बढ़ा रुझान
जानकारों का कहना है कि जिन पंचायतों में अधिकारियों, स्थानीय लोगों, वालेंटियर्स एवं जन प्रतिनिधियों ने सक्रियता दिखाई वहां टीका का प्रतिशत भी बढ़ा। लेकिन जहां सक्रियता कम थी उन गांवों में टीका का लक्ष्य पूरा नहीं हो सका।
शहपुरा की बुरी स्थिति
गांवों में सबसे खराब स्थिति शहपुरा जनपद में देखी गई। जहां बड़ी संख्या में लोगों ने टीका नहीं लगवाया। शहपुरा जनपद के अहमदपुर गंाव में 121 लोग टीके से वंचित हैं। घुंसौर में 177, मनकेड़ी में 138, बिजोरी में 125, सुनवारा में 124 लोग शामिल हैं। इसी तरह पाटन के कुसली, सरा, छपरा, अचलोनी, भमका में 40 से 90 लोग टीके नहीं लगवा पाए हैं।
गांवों में सबसे खराब स्थिति शहपुरा जनपद में देखी गई। जहां बड़ी संख्या में लोगों ने टीका नहीं लगवाया। शहपुरा जनपद के अहमदपुर गंाव में 121 लोग टीके से वंचित हैं। घुंसौर में 177, मनकेड़ी में 138, बिजोरी में 125, सुनवारा में 124 लोग शामिल हैं। इसी तरह पाटन के कुसली, सरा, छपरा, अचलोनी, भमका में 40 से 90 लोग टीके नहीं लगवा पाए हैं।