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नवरात्रि 2019 में यहां वैष्णों देवी देंगी गुफा में दर्शन, मंशा देवी करेंगी मनोकामना पूर्ति

locationजबलपुरPublished: Sep 25, 2019 10:05:26 am

Submitted by:

Lalit kostha

शारदेय नवरात्र, सार्वजनिक पंडालों में तैयार की जा रहीं प्रसिद्ध मंदिरों की प्रतिकृति, गुफा से गुजरकर मां वैष्णो देवी यात्रा का अनुभव, मंशादेवी मंदिर के भी होंगे दर्शन

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vaishno devi

navratri 2019 jabalpur/ संस्कारधानी में 29 सितंबर से शुरू हो रही नवरात्र में आस्था और उत्साह पूर्वक भगवती की उपासना की जाएगी। दुर्गोत्सव पंडालों का निर्माण अंतिम चरणों में है। प्रतिपदा से आदिशक्ति की प्रतिमाएं विराजित की जाएंगी। दुर्गोत्सव में संस्कारधानी के लोग देवी के दर्शन-पूजन के साथ ही देश के विभिन्न अंचलों के प्राचीन मंदिरों के दर्शन भी कर सकेंगे।

छह फुट चौड़ी व आठ फुट गहराई
सिविल लाइन थाना के सामने बाल दुर्गोत्सव समिति के सदस्य मां वैष्णों देवी की प्राकृतिक गुफा की झांकी बना रहे हैं। 6 फुट चौड़ी और 8 फुट गहरा गड्ढा करके गुफा बनाई जा रही है। 60 मीटर लम्बी गुफा में बर्फ के बीच रेडियम लाइट में भक्त जाएंगे। समिति के अध्यक्ष कमलेश अग्रवाल ने बताया, 12 फुट ऊंची देवी प्रतिमा, मां वैष्णों देवी, प्रजापिता ब्रह्मकुमारी संस्थान की दिव्य देवियां एवं पहाड़ पर विराजमान भगवान शिव के दर्शन होंगे।

 

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नाव में विराजेंगी देवी
सार्वजनिक दुर्गोत्सव समिति गोराबाजार आजाद चौक ने पंडाल को वर्ष 2014 में ओडिशा के भुवनेश्वर में बनाए काल्पनिक मंदिर का रूप दिया है। 50 फुट चौड़े और 35 फुट ऊंचे पंडाल में नाव में आदिशक्ति को विराजित किया जाएगा। कलाकार आनंद रावत, अनिल साहू, संदीप रावत ने बताया, भगवती प्रकृति के संरक्षण का संदेश देंगी। अध्यक्ष रामप्रसाद जाटव ने बताया, स्थानीय लोग ही मूर्तिकला में श्रमदान कर रहे हैं। सिंहासन पर बैठी हुई देवी दुर्गा के नीचे शेर रहेगा।

 

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मंशा देवी मंदिर
रुद्र युवा सत्संग समिति ने विजयनगर स्थित एसबीआई चौक में पंडाल को मंशा देवी मंदिर की तरह बनाया है। पंडाल में मंशा देवी की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। समिति के अध्यक्ष जतिन राज ने बताया, भक्तों को मंशा देवी के दर्शन पूजन का अवसर प्राप्त होगा। 11 फुट ऊंची प्रतिमा स्थापित की जाएगी।

बलसाड़ का किला
नवमित्र मिलन दुर्गोत्सव समिति सदर ने रामलीला मैदान के सामने 45 फुट ऊंचा और इतना ही चौड़ा पंडाल का ढांचा तैयार किया है। इस बार यहां ओडिशा के बलसाड़ के प्राचीन किला की प्रतिकृति बनाई जा रही है। बाहर से सजावट है और अंदर किला के अंदर आदिशक्ति की कोलकाता पैटर्न की साढ़े 11 फुट ऊंची प्रतिमा स्थापित होगी। अध्यक्ष अखिलेश राय ने बताया, प्राचीन किले में पत्थरों की नक्काशी प्रमुख आकर्षण का केंद्र होगी।

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