scriptशोभन योग में मनी वट सावित्री अमावस्या व शनि जयंती , नर्मदा में लगी पुण्य की डुबकी | Vat Savitri and Shani Jayanti in Shobhan Yoga, holy dip in Narmada | Patrika News

शोभन योग में मनी वट सावित्री अमावस्या व शनि जयंती , नर्मदा में लगी पुण्य की डुबकी

locationजबलपुरPublished: May 20, 2023 12:01:58 pm

Submitted by:

Rahul Mishra

जबलपुर।ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या पर शुक्रवार को वट सावित्री व्रत व शनिदेव का प्रकटोत्सव एक साथ मनाए गए। इसके चलते सुबह से मठ-मंदिरों और घरों में पूजन का क्रम दिन भर चला। अमावस्या की डुबकी लगाने नर्मदा के तटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी तो व्रती महिलाओं ने तड़के बरगद की परिक्रमा कर दिन भर निर्जला व्रत रखा। उधर, शहर के शनि मंदिरों में भी सुबह से शनि भक्तों द्वारा तेलाभिषेक कर पूजन-अर्चन और शनि का दान किया गया।

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दिन भर चला सुबह से आरम्भ हुआ पूजन का क्रम, शनि मन्दिरों में लगी कतारें
जबलपुर।
ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या पर शुक्रवार को वट सावित्री व्रत व शनिदेव का प्रकटोत्सव एक साथ मनाए गए। इसके चलते सुबह से मठ-मंदिरों और घरों में पूजन का क्रम दिन भर चला। अमावस्या की डुबकी लगाने नर्मदा के तटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी तो व्रती महिलाओं ने तड़के बरगद की परिक्रमा कर दिन भर निर्जला व्रत रखा। उधर, शहर के शनि मंदिरों में भी सुबह से शनि भक्तों द्वारा तेलाभिषेक कर पूजन-अर्चन और शनि का दान किया गया। शनि मन्दिरों में भक्तों की कतारें लगीं।


नर्मदा तटों पर भीड़-ज्येष्ठ मास कृष्ण पक्ष की अमावस्या को वट सावित्री व्रत के रुप में मनाया जाता है। इसी दिन भगवान शनिदेव का प्राक्ट्योत्सव माना जाता है। ज्योतिष के मुताबिक शुक्रवार को शोभन योग भी बना था। इसके चलते शुक्रवार की सुबह से पुण्य सलिला मां नर्मदा के तटों पर स्नान, दान, पूजन-अर्चन करने श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। ग्वारीघाट, तिलवाराघाट, लम्हेटाघाट सहित नर्मदा के अन्य घाटों में दिन भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।

भोर में बरगद की परिक्रमा-
बड़ी संख्या में सुहागिन महिलाओं ने पति की लंबी आयु की कामना के साथ वट सावित्री व्रत भी रखा। तड़के 4-5 बजे से व्रती महिलाओं ने स्नान के बाद बरगद की 108 परिक्रमा लगाकर पूजन किया। इसके बाद वे सारा दिन उपवास रहीं। शाम को पुनः पूजन के बाद उपवास समाप्त हुआ।
शनि मन्दिरों में अनुष्ठान-
शहर के सभी शनि मन्दिरों में खासी भीड़ रही। तिलवाराघाट व ग्वारीघाट में शनि मन्दिरों में सुबह से ही शनिदेव को तेल अर्पित करने वालों की कतारें लगीं। दिन में शनिदेव के अनुष्ठान भी किये गए। इस अवसर पर कई जगह भंडारे भी आयोजित हुए।

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