नर्मदा तटों पर भीड़-ज्येष्ठ मास कृष्ण पक्ष की अमावस्या को वट सावित्री व्रत के रुप में मनाया जाता है। इसी दिन भगवान शनिदेव का प्राक्ट्योत्सव माना जाता है। ज्योतिष के मुताबिक शुक्रवार को शोभन योग भी बना था। इसके चलते शुक्रवार की सुबह से पुण्य सलिला मां नर्मदा के तटों पर स्नान, दान, पूजन-अर्चन करने श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। ग्वारीघाट, तिलवाराघाट, लम्हेटाघाट सहित नर्मदा के अन्य घाटों में दिन भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।
भोर में बरगद की परिक्रमा-
बड़ी संख्या में सुहागिन महिलाओं ने पति की लंबी आयु की कामना के साथ वट सावित्री व्रत भी रखा। तड़के 4-5 बजे से व्रती महिलाओं ने स्नान के बाद बरगद की 108 परिक्रमा लगाकर पूजन किया। इसके बाद वे सारा दिन उपवास रहीं। शाम को पुनः पूजन के बाद उपवास समाप्त हुआ।
शनि मन्दिरों में अनुष्ठान-
शहर के सभी शनि मन्दिरों में खासी भीड़ रही। तिलवाराघाट व ग्वारीघाट में शनि मन्दिरों में सुबह से ही शनिदेव को तेल अर्पित करने वालों की कतारें लगीं। दिन में शनिदेव के अनुष्ठान भी किये गए। इस अवसर पर कई जगह भंडारे भी आयोजित हुए।
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