शहर के खुले क्षेत्रों से गुजरने वाले कई नालों के आस-पास कुछ किसान सब्जियां उगा रहे हैं। इनकी सिंचाई नाले के पानी से की जाती है। इन सब्जियों को मंडी में ताजी बताकर ऊंची कीमत पर बेचा जाता है। सड़कों के किनारे किनारे बिकने वाली कई सब्जियों की धुलाई भी नाले के पानी से होती है। शहर में करमेता, तिलवारा, एमआर फोर रोड, शांति नगर, सुहागी सहित कई क्षेत्रों में सब्जियों की सिंचाई के लिए नालों के पानी का उपयोग किया जाता है। प्रशासन को जांच में शुक्रवार को गोहलपुर क्षेत्र में पांच एकड़ में नाले के पानी से सिंचाई करके उगाई जा रही गोभी, भिंडी की फसल मिली।
विक्टोरिया अस्पताल के डॉ. पंकज बुधौलिया के अनुसार दूषित पानी से उगाई जाने वाली सब्जियों में सूक्ष्म जीवाणु होते है। कई बार सब्जियां धोने के बाद भी उसमें जीवाणु रह जाते हैं, जो स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं। गंदे और दूषित पानी में उगी सब्जियां का सेवन करने से पाचन प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। पीलिया, टायफाइड, उल्टी-दस्त जैसी बीमारी हो सकती है।
ये सावधानी बरतें
– सब्जी बनाने से पहले साफ पानी से धोएं, उबालकर पकाएं।
– कुछ जीवाणु सब्जियों के अंदर भी अंडे देते हैं। इनके सेवन से विषाक्त जीवाणु रक्त में मिल जाते हैं।
– किसानों को रसायन का छिड़काव करने के कम से कम दस दिन बाद सब्जी बेचना चाहिए।
– गंदे पानी में पारा, लैड, क्रोमियम, जिंक आदि भारी धातुओं की मात्रा सीमा से अधिक हो सकती है।
नाले के पानी से सब्जी उगाने की शिकायत मिलने पर शुक्रवार को ही शांतिनगर क्षेत्र में कार्रवाई की गई। ऐसी सब्जियां स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती हैं। सब्जी को नष्ट करने के निर्देश दिए हैं।
आशीष पांडे, एसडीएम