ये है मामला
जानकारी के अनुसार मझौली तहसीलदार अनूप श्रीवास्तव, राजस्व निरीक्षक राजू कोल, पटवारी नीरज कुररिया और राजस्व अमले ने 11 मई को सुबह 8.30 बजे मझौली तहसील के हिरण नदी के मड़ला घाट पर दबिश दी। मौके से घाट पर रेत से भरे तीन हाइवा (एमपी 20 जीए 6334, एमपी 20 जीए 4655, एमपी 20 जीए 5888) रेत से भरे मिले। अमले को देखते ही तीनों डम्पर चालक फरार हो गए। अमले ने झाडिय़ों के पीछे दिछपाकर रखी गई पोकलेन मशीन को भी जब्त किया था। पंचनामा कार्रवाई के बाद अवैध उत्खनन एवं परिवहन का प्रकरण दर्ज किया गया था।
नोटिस जारी, नहीं पेश कर पाए दस्तावेज
तहसीलदार और खनिज निरीक्षक के जांच प्रतिवेदन के आधार पर एसडीएम ने वाहन मालिकों को नोटिस जारी किए। इसमें वाहन मालिकों से रेत के उत्खनन से सम्बंधित दस्तावेज पेश करने के लिए कहा गया था। लेकिन, वाहन मालिक दस्तावेज पेश नहीं कर सके। इस पर एसडीएम ने वाहन मालिकों (अनावेदक ों) नीलेश उर्फ नीलू गोंटिया निवासी कोनी कला मझौली, मोटू सिंह पोनिया, धर्मेंद्र बर्मन पिपरिया, पोकलेन मालिक विक्रम दुबे, योगेंद्र दुबे पर 456 घन मीटर रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन करने पर रायल्टी का न्यूनतम 60 गुना 27 लाख 36 हजार रुपए जुर्माना तथा पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति के रूप में भी 27 लाख 26 हजार रुपए जमा करने का आदेश जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि जुर्माने की राशि शासकीय मद में जमा करने के बाद ही वाहन मालिकों के वाहनों को मुक्त किया जाएगा।