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जबलपुर में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमराईं, जांच किट के लिए मारामारी, रुला रहा रेमडेसिविर इंजेक्शन

locationजबलपुरPublished: Apr 10, 2021 02:54:36 pm

Submitted by:

Lalit kostha

जबलपुर में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमराईं, जांच किट के लिए मारामारी, रुला रहा रेमडेसिविर इंजेक्शन
 

जबलपुर। शहर में कोरोना की दूसरी लहर अब कहर बनकर टूट रही है। नए संक्रमित तेजी से बढऩे के साथ ही स्वास्थ्य व्यवस्थाएं लडखड़़ाने लगी हैं। अब कोविड टेस्ट कराना तक मुश्किल हो गया है। रिपोर्ट 3-4 दिन बाद मिल पा रही है। कोरोना के गम्भीर मरीजों के लिए जीवनरक्षक मानकर लगाए जा रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी बनी हुई है। संक्रमित के परिजन इंजेक्शन खरीदने के लिए भटक रहे हैं। अस्पतालों में मरीजों की बढ़ती भीड़ के साथ अब जांच और देखभाल के लिए डॉक्टर, नर्सिंग और अन्य स्टाफ की कमी होने लगी है। बताया जा रहा है कि कोरोना जांच करने वाली सरकारी लैब के कुछ टेक्नीशियन पॉजिटिव हो गए हैं। इससे कोरोना संदिग्धों के नमूने की जांच समय लग रहा है। सरकार के साथ अनुबंधित निजी लैब में भी जांच के लिए नमूने की संख्या क्षमता से ज्यादा हो गई है। इसके कारण फीवर क्लीनिक में औसतन पचास नमूने ले रहे हैं। दोपहर बाद आने वालों को किट समाप्त होने की बात कहकर लौटाया जा रहा है। निजी लैब का कोटा भी दोपहर से पहले पूरा हो जा रहा है।

बाद में आने वाले संदिग्धों को नमूना देने दूसरे दिन बुलाया जा रहा है। इससे जांच कराने वालों की प्रतीक्षा और कतार बढ़ती जा रही है। कोरोना मरीज बढऩे के साथ शहर के लगभग सभी प्रमुख अस्पतालों के कोविड आइसोलेशन वार्ड फुल हो गए हैं। कुछ जगह अतिरिक्त कोविड बेड भी तैयार किए गए हैं। लेकिन मरीजों की बढ़ती संख्या के अनुपात में डॉक्टर और अन्य सहयोगी कर्मचारी उपलब्ध नहीं हैं।

 

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ऑक्सीजन की मांग
अस्पतालों में कोरोना मरीजों से बिस्तर भरने के साथ ही ऑक्सीजन की खपत और मांग बढ़ गई है। मेडिकल कॉलेज में दो बड़े ऑक्सीजन टैंक बनने के बाद जम्बो सिलेंडरों की भी आवश्यकता पड़ रही है। होम आइसोलेशन में भी मरीजों ने आकस्मिक उपयोग के लिए सिलेंडर रख रखें हैं। निजी अस्पतालों ने भी सिलेंडर स्टॉक करना शुरू कर दिया है।

शहर की स्थिति
– 2 हजार 217 कुल बिस्तर है कोविड मरीजों के लिए
– 60 प्रतिशत से ज्यादा बिस्तर इसमें मरीजों से भरे हुए
– 25 सौ से ज्यादा नमूने जांच के लिए प्रतिदिन भेज रहे
– 3-4 दिन के बाद इनकी रिपोर्ट मरीज को मिल पा रही है
– 01 हजार से ज्यादा रेमदेसिविर इंजेक्शन की मांग बनी हुई
– 05 सौ इंजेक्शन भी प्रतिदिन उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं।
– 05 से ज्यादा व्यवस्था के कर्मी प्रतिदिन पॉजिटिव आ रहे हैं।
– 15 दिन के आइसोलेशन व विकल्प ना होने से दिक्कत।

 

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