बाद में आने वाले संदिग्धों को नमूना देने दूसरे दिन बुलाया जा रहा है। इससे जांच कराने वालों की प्रतीक्षा और कतार बढ़ती जा रही है। कोरोना मरीज बढऩे के साथ शहर के लगभग सभी प्रमुख अस्पतालों के कोविड आइसोलेशन वार्ड फुल हो गए हैं। कुछ जगह अतिरिक्त कोविड बेड भी तैयार किए गए हैं। लेकिन मरीजों की बढ़ती संख्या के अनुपात में डॉक्टर और अन्य सहयोगी कर्मचारी उपलब्ध नहीं हैं।
ऑक्सीजन की मांग
अस्पतालों में कोरोना मरीजों से बिस्तर भरने के साथ ही ऑक्सीजन की खपत और मांग बढ़ गई है। मेडिकल कॉलेज में दो बड़े ऑक्सीजन टैंक बनने के बाद जम्बो सिलेंडरों की भी आवश्यकता पड़ रही है। होम आइसोलेशन में भी मरीजों ने आकस्मिक उपयोग के लिए सिलेंडर रख रखें हैं। निजी अस्पतालों ने भी सिलेंडर स्टॉक करना शुरू कर दिया है।
शहर की स्थिति
– 2 हजार 217 कुल बिस्तर है कोविड मरीजों के लिए
– 60 प्रतिशत से ज्यादा बिस्तर इसमें मरीजों से भरे हुए
– 25 सौ से ज्यादा नमूने जांच के लिए प्रतिदिन भेज रहे
– 3-4 दिन के बाद इनकी रिपोर्ट मरीज को मिल पा रही है
– 01 हजार से ज्यादा रेमदेसिविर इंजेक्शन की मांग बनी हुई
– 05 सौ इंजेक्शन भी प्रतिदिन उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं।
– 05 से ज्यादा व्यवस्था के कर्मी प्रतिदिन पॉजिटिव आ रहे हैं।
– 15 दिन के आइसोलेशन व विकल्प ना होने से दिक्कत।