फैक्ट्री प्रशासन को हाल ही में वाहन निर्माता कम्पनी टाटा और अशोक लीलैंड ने रक्षा मंत्रालय के माध्यम से टीओटी का एक्टेंशन दिया है। यह करीब सात साल का है। दोनों कंपनियों के वाहनों क्रमश: एलपीटीए और स्टालियन की असेम्बिलिंग वीएफजे में होती है। सितम्बर 2019 में इनकी टीओटी समाप्त हो गई थी।
पहले मिल चुका है इंडेंट
वीएफजे को आयुध निर्माणी बोर्ड ने वाहनों के उत्पादन के लिए इंडेंट (वर्क ऑर्डर) दिया था। जानकारों के अनुसार इसमें करीब 1600 स्टालियन वाहन तैयार करना है। छह सौ से अधिक एलपीटी वाहनों का ऑर्डर है। हाल में 318 से ज्यादा वाटर बाउजर का इंडेंट भी फैक्ट्री को हासिल हुआ था। 300 से अधिक सुरंगरोधी वाहन (एमपीवी) का इंडेंट फैक्ट्री के पास है। लेकिन, अब टीओटी का एक्सटेंशन होने से काम आसान हो जाएगा।
ये है टीओटी
वाहन निर्माता कम्पनियों टाटा और अशोक लीलैंड और वीएफजे के बीच अनुबंध है। इसमें मूल कम्पनी अपनी शर्तों के अनुसार वाहन तैयार करने के लिए तकनीक उपलब्ध कराती है। कम्पनी एक तय समय तक प्रमुख कलपुर्जे उपलब्ध कराएगी। फिर एक अंतराल में इनका इन हाउस प्रोडक्शन करना होता है। अभी भी दोनों कंपनियां वीएफजे को सैन्य वाहनों के केबिन और इंजन उपलब्ध कराती हैं।
इन वाहनों का हो रहा उत्पादन : एलपीटीए , स्टालियन, वाटर बाउजर, सुरंग रोधी वाहन, बुलेटप्रूफ वाहन।