एसटीएफ चीफ ने ली अधिकारियों की बैठक
भोपाल से आए एसटीएफ चीफ एडीजी विपिन महेश्वरी ने गुरुवार को भी उन सभी कार्रवाईयों की समीक्षा की, जो एसआईटी की विभिन्न टीमों द्वारा की जा रही है। गुरुवार को एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने भी विभिन्न बिन्दुओं पर एसआईटी के अधिकारियों से बातचीत की।
अस्पताल में हुई थी प्रखर से पहचान
एसआईटी इंदौर से प्रखर कोहली को लेकर आई थी। जांच में आया था कि प्रखर ने ही इंदौर से अंबे ट्रेवल्स में दोनों बार नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के बॉक्स बुक किए थे। टीम ने जब प्रखर से पूछताछ की, तो उसने बताया कि उसका रिश्तेदार कुछ समय पूर्व सिटी अस्पताल में भर्ती था। इस दौरान उसकी पहचान देवेश और मोखा से हुई थी। इसी पहचान के चलते उसने मोखा और देवेश के कहने पर नकली रेमडेसिविर इजेक्शन का बॉक्स बुक किया था। जानकारी के अनुसार एसआईटी ने प्रखर के न्यायालय में भी 164 के बयान दर्ज कराए हैं, ताकि वह अपने बयानों से मुकर न सके।
सपन ने खोले राज, गुजरात पुलिस लेकर रवाना
एसआईटी ने भगवती फार्मा के संचालक सपन जैन से बुधवार सुबह से लेकर गुरुवार सुबह तक पूछताछ की। एसआईटी के सामने सपन ने कई सारे राज खोले। जो पुलिस की जांच में अहम बिन्दु बन सकेंगें। इसके बाद गुरुवार सुबह गुजरात पुलिस की टीम सपन और सुनील मिश्रा को लेकर गुजरात रवाना हो गई। जानकारी के अनुसार जेल में बंद सिटी अस्पताल के फार्मसिस्ट देवेश चौरसिया को प्रोडक्शन वारंट पर लेने के लिए जल्द ही गुजरात पुलिस की दूसरी टीम जबलपुर पहुंचेगी।
अस्पताल में दो बार छापा
एसआईटी ने बुधवार रात और गुरुवार को सिटी अस्पताल में छापा मारा। यहां अस्पताल के मैनेजमेंट से जुड़े लोगों से जहां पूछताछ की गई, वहीं कुछ दस्तावेज भी पुलिस ने जब्त किए। यह उन मरीजों के दस्तावेज हैं, जो 22 अप्रेल के बाद कोरोना संक्रमण के चलते अस्पताल में भर्ती हुए थे। पुलिस सभी फाइलों को बारीकी से खंगाल रही है।
मोखा की लापरवाही बनी पति की मौत का कारण
कटंगी रोड माढ़ोताल निवासी नीतू शिवहरे ने पुलिस को दी हस्तलिखित शिकातय में पति मनोज शिवहरे की मौत के लिए सिटी अस्पताल और उसके डायरेक्टर सरबजीत सिंह मोखा को जिम्मेदार ठहराया है। महिलाने शिकायत में बताया कि एक मई को उसके पति का स्वास्थ्य खराब होने के कारण उसने सिटी अस्पताल में भर्ती कराया। पति को कोरोना पॉजिटिव बताया गया। डॉक्टर्स ने यह भी कहा कि पति को खतरा नहीं है। लेकिन नौ मई को डॉक्टर्स ने अचानक स्वास्थ्य खराब होने की बात कही। उन्हें आईसीयू में भर्ती किया जिसके बाद उसके पति की मौत हो गई। महिला ने यह भी बताया कि अस्पताल से उन्हें जो रिपोर्ट मिली,उसमें रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाने की बात भी दर्ज थी। महिला को आशंका है कि नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के कारण उसके पति की जान गई।
कोरोना संक्रमित होने पर बंदियों और कैदियों को जो दवाएं दी जा रही है, वहीं दवाओं की किट सरबजीत सिंह मोखा को भी दी गई है। फिलहाल उसे आईसुलेशन बैरक में ही रखा गया।
– गोपाल ताम्रकार, जेल अधीक्षक, सेन्ट्रल जेल