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पीडि़त ने सोशल साइट्स के जरिए फर्जीवाड़े के आरोपी को ढूंढ़ा

locationजबलपुरPublished: Jun 05, 2019 12:42:27 pm

Submitted by:

santosh singh

नौकरी का झांसा देकर युवक के बैंक खाते में ठगी के 40 लाख रुपए ट्रांसफर करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, एक हिरासत में, एफआइआर दर्ज

Forgery quarter million textile purchase in bhilwara

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जबलपुर. आठ हजार रुपए की नौकरी के झांसे में आकर साइबर अपराधियों के जाल में फंसे युवक ने खुद को बेगुनाह साबित करने के लिए दिन-रात एक कर दिया। पुलिस ने उसकी शिकायत दर्ज नहीं की तो उसने सोशल साइट्स को माध्यम बना आरोपी की तलाश शुरू कर दी। 26 मई को एक कॉल के माध्यम से मिली सूचना के आधार पर पीडि़त युवक ने मंगलवार को एक आरोपी को ढूंढ़ निकाला। पुलिस को बुलाकर उसे गिरफ्तार भी कराया। इसके बाद बेलबाग पुलिस ने एफआइआर दर्ज की।
बिहार में दर्ज हो गया धोखाधड़ी का मामला
पुलिस ने बताया कि लकडग़ंज निवासी अजय अधिकार को अप्रैल 2019 में मोतिहारी चम्पारण से एक नोटिस मिला। उसमें उसे धोखाधड़ी का आरोपी बनाया गया है। नोटिस में कहा गया था कि उसके खाते से ठगी के 40 लाख रुपए का आहरण हुआ है। अजय के मुताबिक जून 2018 में उसे माढ़ोताल मेडिकल गली शारदा मंदिर के पास आइएमटी सर्विस चलाने वाले आनंद विहार गोहलपुर निवासी अविनाश सिंह ठाकुर उर्फ राहुल राज चौहान उर्फ अभय चौहान ने आठ हजार रुपए की नौकरी पर रखा था। वह हाथीताल गोरखपुर में रह रहा था।
पीडि़त के दस्तावेज पर खुलवाए तीन बैंक खाते
अविनाश ने ही उसके आधार कार्ड का उपयोग कर सेंट्रल बैंक चेरीताल, केनरा बैंक रानीताल और बैंक ऑफ इंडिया गंजीपुरा में खाते खुलवाए थे। तीनों बैंकों के एटीएम अविनाश के पास थे। खाता खुलवाने के 15 दिन बाद वह आइएमटी सर्विस बंद कर भाग गया। उसने अजय के आधार कार्ड से सिम भी खरीदा था। बाद में इसी एटीएम का प्रयोग कर उसने ठगी की रकम निकाली थी।
फर्जीवाड़े में शामिल था बैंक कर्मी
फर्जीवाड़े में अविनाश के साथ सेंट्रल बैंक में काम करने वाला बिहार निवासी राहुल भी शामिल था। गिरोह का शिकार हर्षित नगर यादव कॉलोनी निवासी शशांक विश्वकर्मा भी बना। 2017 में इसी तरह खाते खुलवा कर अविनाश ठगी की रकम ट्रांसफर कराकर निकाल लेता था। शशांक की शिकायत पर एसपी ने हनुमानताल पुलिस को जांच सौंपी है।
ऐसे दबोचा यगा आरोपी
अविनाश ठगी की रकम निकालने के बाद भाग गया था। जबकि, राहुल दूसरे बैंक में काम करने लगा। अजय ने सोशल साइट्स पर वाट्सऐप ग्रुप बनाया। ग्रुप में 26 मई को एक व्यक्ति का कॉल आया। उसने उसे राहुल के बारे में जानकारी दी। इसके बाद अजय राहुल की तलाश में जुट गया। पता चला कि वह दूसरे बैंक में काम कर रहा है। मंगलवार को वह उक्त बैंक पहुंचा और राहुल को पकड़ कर बेलबाग पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर अजय की शिकायत पर धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया।

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