नेताजी सुभाषचंद्र बोस केन्द्रीय कारागार की एक महिला प्रहरी को खुली जेल का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल करना महंगा पड़ गया। इसे बड़ी लापरवाही मानते हुए कारागार प्रबंधन ने महिला प्रहरी रूपाली दुबे को निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधी में प्रहरी की पदस्थापना सिहोरा उपजेल में रहेगी।
बताया जा रहा है कि महिला प्रहरी की ड्यूटी खुली जेल में थी। इस दौरान प्रहरी ने अपने मोबाइल फोन से खुली जेल का वीडियो बनाया। बाद में उसे अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर अपलोड कर दिया। जेल के अंदर का वीडियो सोशल प्लेटफॉर्म पर आया तो हड़कंप मच गया। तत्काल वीडियो हटावाया गया।
खुली जेल में 11 बंदी -केन्द्रीय कारागार में खुली जेल वह भाग है, जहां पर अच्छे आचरण वाले बंदियों को उनके परिवार के साथ रहने दिया जाता है। वर्तमान में खुली जेल में लगभग 11 बंदी अपने परिवार के साथ रह रहे हैं।
निगरानी में भी चूक इस घटना के बाद कारागार में सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी में भी चूक उजगार हुई है। महिला प्रहरी मोबाइल फोन पर वीडियो बनाती रही, लेकिन किसी भी जिम्मेदार ने उसे नहीं रोका। जब वीडियो वायरल हो गया, तब आनन-फानन में कार्रवाई हुई।
महिला आरक्षक को किया निलंबित
इस सम्बन्ध में नेताजी सुभाष चंद्र बोस केन्द्रीय कारगार जबलपुर के अधीक्षक अखिलेश तोमर का कहना है कि केन्द्रीय जेल में महिला आरक्षक ने खुली जेल का वीडियो बनाया था। इस मामले में जांच के बाद संबंधित प्रहरी को निलंबित कर दिया गया है।निलंबन अवधी में प्रहरी की पदस्थापना सिहोरा उपजेल में रहेगी।