एनकाउंटर की ये कहानी बताई थी पुलिस ने
नरसिंहपुर के तत्कालीन एडिशनल एसपी राजेश तिवारी के अनुसार 23 अगस्त 2019 की देर रात नरसिंहपुर जिले में गैंगस्टर विजय यादव के पहुंचने की सूचना पुलिस को मिली थी। खबरियों से सूचना पाकर देर रात नरसिंहपुर के एएसपी राजेश तिवारी अपने साथ पुलिस बल लेकर घेराबंदी करते हुए दोनों का पीछा किया और विजय यादव को रुकने कहा। इसी बीच विजय यादव व उसके साथी ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। जिसके बाद जवाबी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने विजय यादव व उसके साथी समीर को घेरकर फायरिंग कर दी। दोनों बुरी तरह से घायल हो गए। विजय और समीर को घायल अवस्था में जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। वहीं मुठभेड़ के दौरान एएसपी राजेश तिवारी समेत दो पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे जिनका उपचार कराया गया था।
सूत्रों के मुताबिक दोनों अपराधियों को नरसिंहपुर पुलिस पिछले 2 दिन से अपनी गिरफ्त में लिए हुए थी और एक योजनाबद्ध तरीके से उनकी मुठभेड़ में मौत दिखा दी गई है। घटना एनएच 12 थाना सुआतला के अंतर्गत कुमरोडा गांव के पास की बताई गई थी। जब मीडिया ने इस पर सवाल किए तो किसी भी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने जवाब नहीं दिया था। साथ ही कथित मुठभेड़ के दौरान मौके से भाग गए तीसरे व्यक्ति की पहचान आज तक नहीं पाई है।
ईनाम हुआ था घोषित
8 मई 2019 को आईजी ने विजय यादव की गिरफ्तारी पर रुपए 30000 का इनाम घोषित किया था । वही समीर पर भी इनाम घोषित था। 4 जनवरी 2017 को कोतवाली थाना अंतर्गत बलदेव बाग परिजात बिल्डिंग के पास कांग्रेस नेता राजू मिश्रा और गैंगस्टर कक्कूू पंजाबी की गोली मारकर हत्या की गई। हत्या में मामले में विजय फरार चल रहा था। इसके अलावा 2014 में गोरखपुर में दर्ज हत्या के प्रयास और आम्र्स एक्ट के प्रकरण में भी वह फरार चल रहा था। विजय यादव पर शहर के विभिन्न थाना क्षेत्रों में 30 से अधिक अपराध दर्ज थे।