शुभ मुहूर्त – आज पुष्य नक्षत्र में यथा आवश्यक उपनयन (ग्रहणवेध), जड़ूला, जलवा, गृहप्रवेश (अति आव. में सूर्य दक्षिणायन दोष), व्यापारारम्भ, वधू-प्रवेश, नामकरण, अन्नप्राशन, हल प्रवहण, अक्षरारम्भ, कर्णवेध, विद्यारम्भ, कूपारम्भ व जलाशयरामसुर प्रतिष्ठा आदि के शुभ मुहूर्त है।
श्रेष्ठ चौघडि़ए – आज सूर्योदय से प्रात: 9.04 लाभ व अमृत, पूर्वाह्न 10.46 से दोपहर 12.29 तक शुभ तथा अपराह्न 3.55 से सूर्यास्त तक चर व लाभ के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं, जो आवश्यक शुभ कार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं। बुधवार को अभिजित नामक मुहूर्त शुभ कार्यों में वर्जित माना गया है।
व्रतोत्सव- आज विनायक चतुर्थी, ग्रहणवेध तथा गण्डमूल दोपहर बाद 1.09 से।
चन्द्रमा: चन्द्रमा सम्पूर्ण दिवारात्रि कर्क राशि में है।
दिशाशूल: बुधवार को उत्तर दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। पर आज कर्क राशि के चन्द्रमा का वास उत्तर दिशा की यात्रा में सम्मुख रहेगा। यात्रा में सम्मुख चन्द्रमा धनलाभ कराने वाला व शुभ माना गया है।
राहुकाल (मध्यम मान से): दोपहर 12.00 बजे से दोपहर बाद 1.30 बजे तक राहुकाल वेला में शुभ कार्यारम्भ यथा संभव वर्जित रखना हितकर है।
आज जन्म लेने वाले बच्चे – आज जन्म लेने वाले बच्चों के नाम (हो, डा, डी, डू, डे, डो) आदि अक्षरों पर रखे जा सकते हैं। इनकी जन्मराशि कर्क है, जिसका स्वामी चन्द्रमा है। इनका जन्म रजतपाद से है। जो शुभ माना गया है। सामान्यत: ये जातक सुशील, वाक्-पटु, बुद्धिमान, कार्य कुशल, धार्मिक, आस्थावान, मेधावी, परायों के कार्य सुधारने वाले, कवि हृदय, अच्छे लेखक, परामर्शदाता व प्रशासनिक कार्यों की क्षमता रखने वाले होते हैं। इनका भाग्योदय लगभग 30-32 वर्ष की आयु तक होता है। कर्क राशि वालों के पूर्व से चल रहे कार्यों में प्रगति होगी। नवीन योजना के अनुसार कार्य प्रारम्भ होने में आ रही बाधाएं दूर हो जाएंगी।