scriptCAA पर जबलपुर में बार-बार ‘जंग’ क्यों? तिरंगायात्रा पर पथराव, उठ रहे हैंं कई सवाल | Violence again in Jabalpur over CAA, stone pelting on tricolour | Patrika News

CAA पर जबलपुर में बार-बार ‘जंग’ क्यों? तिरंगायात्रा पर पथराव, उठ रहे हैंं कई सवाल

locationजबलपुरPublished: Jan 27, 2020 03:26:16 pm

Submitted by:

Muneshwar Kumar

सीएए को लेकर जबलपुर में दो बार बवाल, अमित शाह ने भी पिछले दिनों यहां की थी सभा

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जबलपुर/ सीएए को लेकर पूरे मध्यप्रदेश में विरोध-प्रदर्शन का दौर जारी है। एक गुट इसके समर्थन में रैलियां निकाल रही है तो दूसरे गुट के लोग विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। समर्थन या विरोध में रैली निकाल रहे लोगों की भिड़ंत कई जगहों पर प्रशासन के लोगों के साथ जरूर हुई है। लेकिन जबलपुर में अब तक सीएए को लेकर विरोध-प्रदर्शन के दौरान दो बार भयानक बवाल हो चुका है। जिस पर कई सवाल उठ रहे हैं कि आखिर सीएए पर जबलपुर में जंग क्यों।
मध्यप्रदेश के जबलपुर में सीएए को लेकर सबसे ज्यादा बवाल हुआ है। संसद के दोनों सदनों से कानून पास होने के बाद पूरे प्रदेश में प्रदर्शन का दौर शुरू हुआ। लेकिन बवाल उस समय में भी जबलपुर में ही हुआ। 20 दिसंबर 2019 को जबलपुर सीएए को लेकर प्रदर्शन के दौरान जबरदस्त बवाल हुआ था। प्रदर्शनकारियों ने जमकर पथराव किया और कई गाड़ियों को फूंक दिया। इसके बाद चार थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया। पुलिस ने प्रदर्शन में शामिल कई लोगों को गिरफ्तार भी किया।

इस घटना के बाद शहर में सब कुछ सामान्य होने लगा था। धीरे-धीरे चीजें पटरी पर लौट आई थीं। सीएए के विरोध शहर में प्रदर्शन का दौर भी जारी था लेकिन सबकुछ शांतिपूर्ण तरीके से। मगर गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी के दिन एक बार फिर से माहौल खराब हो गया। समर्थन में तिरंगा यात्रा निकाल रहे लोगों पर विरोध कर रहे लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। लेकिन पुलिस ने मुस्तैदी के साथ स्थिति को नियंत्रित किया। इस घटना में कई लोग जख्मी हुए हैं।

एसडीपीआई ने भड़काई थी हिंसा
दिसंबब में हुए हिंसा मामले में पुलिस ने सात सौ से ज्यादा लोगों के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर की थी। पुलिस जांच में यह बात सामने आई थी कि शहर में एसडीपीआई ने हिंसा भड़काई है। उसका प्रदेश अध्यक्ष इरफान उल हक उस दिन वहां मौजूद था। लेकिन हिंसा मामले में वह अभी भी पुलिस गिरफ्त से दूर है।

उठ रहे हैं कई सवाल
ऐसे में सवाल है कि शहर में सीएए को लेकर माहौल लगातार तनावपूर्ण हैं तो फिर प्रशासन उन इलाकों से रैलियां क्यों निकलने दे रही हैं। आखिरी वैसे लोगों को चिह्नित कर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है। हालांकि इसके कई सियासी मायने भी हो सकते हैं। विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों को कांग्रेस का साथ है जबकि समर्थन में रैली निकाल रहे लोगों के साथ बीजेपी खड़ी है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या सियासी दल के लोग इनके सहारे अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रही हैं।
कलेक्टर ने कहा- अब नहीं दूंगा इजाजत
जबलपुर कलेक्टर भरत यादव ने कहा कि समर्थन में रैली निकाल रहे लोगों को इजाजत दी गई थी। वह रैली वहां तक लेकर पहुंचे लेकिन वे लोग उस क्षेत्र में जाना चाहते थे, जिस क्षेत्र में दूसरे लोग विरोध कर रहे थे। इस दौरान उधर से कुछ पत्थर फेंके जाने लगे। इस वजह से थोड़ा माहौल खराब हो गया। कलेक्टर ने कहा कि हमलोग लगातार विरोध और समर्थन में रैली निकालने वाले लोगों को परमिशन दे रहे हैं।
कलेक्टर ने कहा कि रैलियों की वजह से शहर की ट्रैफिक व्यवस्था बिगड़ रही है। साथ ही बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि हम अब इस तरह से परमिशन नहीं देंगे जिससे शहर की व्यवस्था खराब होगी। अब सिर्फ पांच लोगों को ज्ञापन देने के लिए या फिर बैठकर प्रदर्शन करने की इजाजत दी जाएगी।
मैं करता हूं पुरजोर विरोध
वहीं, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर लिखा कि जबलपुर के आधारताल क्षेत्र में सीएए के समर्थन में तिरंगा रैली निकाल रहे लोगों के ऊपर पथराव की घटना की जानकारी मिली जिसका मैं पुरजोर विरोध करता हूं। संसद में पारित एक कानून के समर्थन में यदि कोई भारतीय नागरिक मार्च करे और उसे रोकने की कोशिशें हों तो यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।
https://twitter.com/hashtag/CAA?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw
अमित शाह भी आए थे जबलपुर
दिसंबर में हुए हिंसा के बाद जनवरी महीने में गृह मंत्री अमित शाह भी जबलपुर आए थे। शाह ने यहां सीएए के समर्थन में रैली की थी। रैली के दौरान उन्होंने साफ किया था कि हम सीएए पर एक इंच भी पीछे नहीं हटेंगे। दरअसल, शाह एक विशेष रणनीति के तहत वहां सभा की थी। वह कांग्रेस शासित राज्यों में उन्हीं जगहों पर सीएए के समर्थन में सभा कर रहे हैं, जहां से सीएम आते हैं। जबलपुर महाकौशल में आता है और सीएम का छिंदवाड़ा भी महाकौशल में ही है।

नड्डा का जबलपुर में है ससुराल
जबलपुर ऐसे तो बीजेपी का गढ़ है। प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह यहीं से सांसद हैं। सीएए के समर्थन में निकल रहीं रैलियों में कई जगहों पर वह भी शामिल हुए हैं। वहीं, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का ससुराल भी जबलपुर में ही हैं। ऐसे में जबलपुर बीजेपी के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। ऐसे में यह की हर घटनाओं पर पार्टी की नजर भी है।

आखिर कौन भड़का रहा है लोग
अब तक जबलपुर में सीएए के नाम पर दो बार बवाल हो चुका है। लेकिन सवाल है कि आखिर कौन यहां के सांप्रदायिक सौहार्द को खराब करने की कोशिश में जुटा है। साथ ही पहली घटना के आरोपियों की जब पहचान हो गई है तो उनकी गिरफ्तारी अब तक क्यों नहीं हुई। कहीं न कहीं प्रशासन की भूमिका भी दोनों ही मामलों में सवालों के घेरे में है।
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