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मौसम ने निभाई वायरस से दोस्ती, इस शहर में कोरोना का पीछा छूटा नहीं था, मौके की ताक में बैठे वायरल फीवर ने अटैक कर दिया

locationजबलपुरPublished: Sep 01, 2020 09:40:43 pm

Submitted by:

shyam bihari

जबपलुर कोविड-19 के उपचार को लेकर पहले ही लडखड़़ाई हुई है व्यवस्था
 
 

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जबलपुर। कोरोना संकट के बीच जबलपुर शहर में वायरल फीवर तेजी से फैल रहा है। अस्पतालों से लेकर प्राइवेट क्लीनिक में सर्दी-खांसी और कमजोरी की शिकायत लेकर आने वाले मरीज बढ़ गए हैं। कोविड काल में पहले अस्पताल जाने से मरीज दूरी बना रहे थे। लेकिन, कुछ दिनों से फीवर क्लीनिक और मेडिसिन ओपीडी में बुखार के साथ शारीरिक कमजोरी महसूस करने का इलाज कराने आने वालों की कतार लग गई है। कई बुखार पीडि़तों के लक्षण कोरोना जैसे मिल रहे हैं। असमंजस होने से डॉक्टर वायरल फीवर के मरीजों को भी जरूरत होने पर कोरोना टेस्ट का परामर्श दे रहे हैं। इससे कोरोना जांच के नमूने बढ़ रहे हैं। कोरोना संक्रमण दर बढऩे के साथ पहले से लडख़ाड़ाई अस्पतालों में उपचार की व्यवस्था को लेकर नई चुनौती दस्तक दे रही है। बुखार के बढ़ते मरीज और कोरोना जांच कराने से संदिग्धों की संख्या में इजाफा हुआ है। जिस तरीके संक्रमित और संदिग्ध बढ़ रहे हैं।

चार से छह दिन बुखार
डॉक्टर्स के अनुसार वायरल बुखार के केस बढ़ रहे हैं। ज्यादातर मरीजों को ठंड लगने के साथ हल्का बुखार आ रहा है। जांच में सर्दी-खांसी और निमोनिया जैसे लक्षण भी मिल हैं। वायरल फीवर होने पर चार से छह दिन तक बुखार आ रहा है। स्वस्थ्य होने के बाद कई दिन तक शारीरिक रूप से बेहद कमजोरी रह रही है। जांच में जिनमें संदिग्ध लक्षण महसूस हो रहे हैं, उन्हें कोरोना जांच कराने के लिए कहा जा रहा है। मेडिकल, विक्टोरिया अस्पताल सहित फीवर क्लीनिक्स में कुछ संदिग्धों का एहतियातन भी कोरोना जांच किया जा रहा है। वायरल फीवर के मरीज भी घनी और निचली बस्तियों में ज्यादा मिल रहे है। पॉश इलाके में भी वायरल फीवर के केस आए हैं। गढ़ा, हनुमानताल, मिल्क स्कीम, भानतलैया, सदर, रांझी की कुछ बस्तियों में हर दूसरे-तीसरे घर में बुखार के मरीज निकल रहे हैं। बस्ती और परिवार में एक व्यक्ति के स्वस्थ्य होने के बाद दूसरे व्यक्ति को वायरल बुखार जकड़ रहा है। शहर में कोरोना के केस भी पहले घनी बस्तियों में ही ज्यादा संख्या में मिले थे। हाल में बारिश और कई निचली बस्तियों के जलमग्न होने से अब मच्छरजनित बीमारियों के फैलने का अंदेशा भी बढ़ गया है। मलेरिया जैसे लक्षण के साथ कुछ मरीज मिलने से संकेत मिल गए हैं।

मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ चिकित्सकों के अनुसार मौसम में परिवर्तन के बीच रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है। वायरल बुखार और अन्य संक्रमण से पीडि़त होने पर इम्यून कमजोर होता है। कोरोना वायरस से लडऩे के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर बनाए रखना जरुरी है। इसलिए अभी कुछ दिनों तक लोगों को ज्यादा संयम और सावधानी बरतने की जरुरत है। मास्क लगाने, बार-बार हाथ धोने के साथ ही दिनचर्या और आदतों को बदलकर संक्रमण से बचना होगा। बारिश एवं ठहरे पानी में पनपने वाले मच्छरों के हमले से बचाव करना होगा। दवा का छिड़कांव और साफ-सफाई रखना होगा। प्रशासन का अनुमान है कि सितंबर में कोरोना के एक्टिव केस तीन हजार तक पहुंच सकते हैं। फिलहाल मेडिकल कॉलेज, विक्टोरिया, सुखसागर, ज्ञानोदय और रामपुर छात्रावास में बनाए गए आइसोलेशन और क्वारंटीन सेंटर में करीब दो हजार संक्रमित और संदिग्ध आइसोलेट/क्वारंटीन है। इनके अलावा रेलवे, मिलेट्री और निजी अस्पतालों को जोड़कर करीब एक हजार बिस्तरों की अतिरिक्त व्यवस्था की जा रही है। वायरल फीवर फैलने से कई गम्भीर मरीजों को भी अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है। इससे आने वाले समय में अस्पतालों में औरमरीज भी बढेंगे।

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