तब स्कूल ऑफ वाइल्डलाईफ फॉरेंसिक एण्ड हेल्थ को अवगत कराया गया। नानाजी देशमुख पशुचिकित्सा विज्ञान विवि से चिकित्सको की टीम कुलपति डॉ. सीता प्रसाद तिवारी के निदेर्शन में भेजी गई। डॉ. शोभा जावरे, डॉ.सोमेश सिंह द्वारा की गई चिकित्सीय जांच में आशंका जाहिर की गई कि बच्चे के पिछले हिस्से में कोई अन्दरूनी चोट की वजह से वह खड़ा नही हो पा रहा है। पन्ना टाईगर रिजर्व चिकित्सक टीम द्वारा सतत निगरानी एवं उपचार किया गया। खड़ा न होने की वजह से बच्चा दूध नही पी रहा था। इसे देखते हुए बच्चे को खड़ा करने हेतु कृत्रिम व्यवस्था बनाई। तत्पश्चात पशुचिकित्सक द्वारा किए गये उपचार एवं कार्यरत अमले द्वारा हाथी के बच्चे की देखभाल के उपरांत 24 घंटे के अन्दर अब हाथी का बच्चा ने दूध पीने लगा है और पूरी तरह स्वस्थ्य है। खुद के पैरो पर खड़ा करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।