पहले खारिज की थी अग्रिम
सीबीआइ द्वारा व्यापमं घोटाले में आरोपित बनाए जाने के बाद से विजयवर्गीय फरार था। इस दौरान विजयवर्गीय की ओर से वकील ने कोर्ट में उसकी अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी। कोर्ट ने मामले में टिप्पणी करते हुए आरोपित को सरेंडर करने के लिए कहा है। इस फैसले के साथ ही विजयवर्गीय की मुश्किलें बढ़ गई थी। अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद विजयर्गीय ने कुछ दिन पहले भोपाल कोर्ट में सरेंडर कर दिया था।
कई दिग्गज फंसे
पीएमटी-2012 मामले में फर्जीवाड़े की जांच के बाद सीबीआइ ने कोर्ट में 592 आरोपियों के खिलाफ 1500 पन्नों की चार्जशीट पेश की है। सीबीआइ ने पीपुल्स ग्रुप के चेयरमैन सुरेश एन. विजयवर्गीय, चिरायु के डॉ. अजय गोयनका, एलएन मेडिकल के जयनारायण चौकसे और इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के सुरेश भदौरिया समेत कइ दिग्गजों को आरोपी बनाया है। इसमें 245 नए चेहरों को आरोपी है, जो एसटीएफ की जांच में नहीं थे। इन सभी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए जा चुके है। इसमें ज्यादातर दिग्गजों को कुछ दिन तक जेल की हवाल खाने के बाद जमानत का लाभ मिल गया है। इस लिस्ट में अब विजयवर्गीय का नाम भी जुड़ गया है।
करोड़ों रुपए में बेची सीटें
जांच एजेंसी की पड़ताल में सामने आया कि प्रदेश के कुछ प्राइवेट कॉलेजों ने फर्जीवाड़ा करते हुए एमबीबीएस, बीडीएस की सीटें करोड़ों रुपए में बेची। इंडेक्स, पीपुल्स, चिरायु और एलएन मेडिकल कॉलेजों पर सरकारी कोटे की 160 सीटें करोड़ों रुपए में बेचने का आरोप है। इससे जुड़े मामले में ही शुक्रवार को सुनवाइ हुइ। कोर्ट ने सुरेशएन विजयवर्गीय को अग्रिम जमानत का लाभ देने से इनकार कर दिया है।
घोटाले से जुड़ी अहम जानकारी
– पीएमटी में 2000 करोड़ से ज्यादा का लेन-देन हुआ था।
– 5000 से ज्यादा स्टूडेंट्स पर इसका असर पड़ा, करियर तबाह हुआ।
– मामले में 500 पेरेंट्स समेत करीब 2000 आरोपी हैं।
– 80 लाख रुपए तक एमबीबीएस में दाखिले का रेट था।
– 1.5 करोड़ रुपए तक प्रीपीजी दाखिले के लिए वसूले गए।