सतपुड़ा नैरोगेज को ब्रॉडगेज बनाने का काम पूरा, ट्रेनों के चलने का इंतजार खत्म नहीं हुआ
जितनी ट्रेनें नैरोगेज के समय चलती थीं, अब ब्रॉडगेज के बाद उतनी भी नहीं चलीं
09 के लगभग ट्रेन नैरोगेज ट्रैक पर संचालित थीं
05 ट्रेन ब्रॉडगेज बनने के बाद इस ट्रैक पर चल रही हैं
03 ट्रेन ही इसमें नियमित बाकी दोनों साप्ताहिक हैं

वर्ष 2015 में गेज कन्वर्जन के लिए छिंदवाड़ा -सिवनी-नैनपुर-मंडला रेलमार्ग में नैरोगेज ट्रेन का संचालन बंद कर दिया गया था। इससे छिंदवाड़ा और सिवनी का जबलपुर के साथ रेलसम्पर्क भी टूट गया। लगभग 13 सौ करोड़ रुपए की लागत से इस ट्रैक को ब्रॉडगेज में बदलने का काम 13 मार्च, 2022 को पूरा हो चुका है। फिर भी ट्रेन अभी तक प्रारम्भ नहीं की गई हैं।
यहां भी नहीं मिला फायदा
दपूमरे के सतपुड़ा ब्रॉडगेज में अधिकारी मालगाड़ी चलाने को प्राथमिकता दे रहे हैं। इसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। दपूमरे रेल बालाघाट से नैनपुर तक एक पैसेंजर ट्रेन ही चला रहा है। पमरे की दो पैसेंजर और एक एक्सप्रेस ट्रेन चल रही है, लेकिन एक्सप्रेस ट्रेन साप्ताहिक है। पमरे की पैसेंजर ट्रेन नैनपुर में ब्रेक लेती है। इसके कारण जबलपुर से मंडला-बालाघाट तक रोजाना सीधी रेल सेवा अभी तक नहीं है।
50 से ज्यादा हॉल्ट, यात्री परेशानी
जबलपुर से नैनपुर होकर बालाघाट, मंडला और सिवनी-छिंदवाड़ा के बीच 50 से ज्यादा रेलवे स्टेशन/पैसेंजर हॉल्ट हैं। लम्बे समय से जबलपुर के नियमित ट्रेन सेवा उपलब्ध नहीं होने से लोग परेशान हैं। शिक्षा, रोजगार, कारोबार, चिकित्सा एवं शासकीय कामकाज के लिए लोगों को जबलपुर तक आना-जाना रहता है। ट्रेन सुविधा के अभाव में इन जिलों का विकास भी प्रभावित हो रहा है।
जबलपुर-गोंदिया ब्रॉडगेज बन चुका है। मंडला-नैनपुर-छिंदवाड़ा भी तैयार है। अब देर नहीं होनी चाहिए। मंडला, गोंदिया, छिंदवाड़ा तक सीधी ट्रेन हर दिन चलनी चाहिए। ये रेलमार्ग आदिवासी बाहुल्य जिलों को जोड़ता है। वहां के विकास के लिए ज्यादा से ज्यादा ट्रेनें इस मार्ग से होकर रेलवे संचालित करें।
- डॉ. सुनील मिश्रा, सदस्य, मंडल रेल उपयोगकर्ता सलाहकार समिति