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प्रमुख सचिव गृह विभाग और डीजीपी के खिलाफ वारंट जारी, सूबे में खलबली

locationजबलपुरPublished: Jan 11, 2019 05:15:41 pm

Submitted by:

Premshankar Tiwari

नोटिस का जवाब नहीं देने पर हाईकोर्ट ने दिए सख्त निर्देश

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जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने नाफरमानी पर राज्य के गृह विभाग प्रमुख सचिव केके सिंह, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी ) ऋषि कुमार शुक्ला व होशंगाबाद एसपी को कोर्ट में उपस्थित होने के लिए दस-दस हजार रुपए के जमानती वारंट जारी किए। एक अवमानना याचिका पर कई अवसर देने बावजूद जवाब पेश न करने पर जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की सिंगल बेंच ने यह सख्ती दिखाई। सभी अधिकारियों को कहा गया कि वे 12 फरवरी को कोर्ट में हाजिर होकर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें।

यह है मामला
भोपाल निवासी रुपसिंह विश्वकर्मा ने अवमानना याचिका दायर कर कहा कि वह होशंगाबाद एसपी कार्यालय में इंस्पेक्टर के पद से रिटायर हुआ था। उसे 1 अप्रैल 2006 से दिया गया द्वितीय समयमान वेतन का आदेश निरस्त कर पुलिस विभाग ने इसे 1 सितंबर 2007 से लागू करने का आदेश दे दिया। हाईकोर्ट ने उक्त आदेश निरस्त कर विभाग को कहा कि उसे 2006 से ही द्वितीय समयमान वेतनमान दिया जाए। लेकिन इस आदेश का दो साल बीतने पर भी विभाग ने पालन नहीं किया।

नहीं माना आदेश
हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किए जाने पर इस मामले में यह अवमानना याचिका दायर की गई। अधिवक्ता मनोज चंसोरिया ने तर्क दिया कि नोटिस का जवाब न पेश करने के लिए 26 अक्टूबर 2018 को कोर्ट ने अनावेदकों को फटकार लगाई थी। तीन सप्ताह में सभी को अपना पक्ष पेश करने को कहा गया था। इसके बावजूद किसी भी अधिकारी ने जवाब नहीं दिया। कोर्ट ने इस पर सभी को जमानती वारंट जारी कर दिए। कहा गया कि अगली सुनवाई के पूर्व जो अपनना जवाब दे देंगे, उनका वारंट निरस्त माना जाएगा।

सिंगरौली एसपी के मामले में नया मोड़
वहीं मप्र हाईकोर्ट में अवमानना के आरोप पर सिंगरौली एसपी रियाज इकबाल व पन्ना के अजयगढ़ में एसआई अंजना दुबे की ओर से जवाब पेश कर इन्हें गलत बताया गया । जस्टिस आरएस झा व जस्टिस संजय द्विवेदी की डिवीजन बेंच ने याचिकाकर्ता सिविल जज को इसका अवलोकन कर रिज्वाइंडर पेश करने के लिए चार सप्ताह का समय दे दिया। अगली सुनवाई 8 फरवरी को होगी।

अवमानना का आरोप
पन्ना जिले में पदस्थ सिविल जज मनोज सोनी ने याचिका में कहा कि मई 2018 में उनके खिलाफ एक महिला की शिकायत पर धारा 376 और दहेज प्रताडऩा अधिनियम का प्रकरण दर्ज किया गया था। इस मामले में उन्हें अग्रिम जमानत मिल गई थी। इसके बावजूद पन्ना के तत्कालीन एसपी रियाज इकबाल के आदेश पर एसआई अंजना दुबे ने उनके सरकारी आवास पर तालाबंदी कर दी। इसकी शिकायत उन्होंने पन्ना जिला एव सत्र न्यायाधीश से की। इस पर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने एसपी रियाज इकबाल और एसआई अंजना दुबे के खिलाफ आपराधिक अवमानना का प्रकरण दर्ज किया था। गुरुवार को एसपी इकबाल व एसआई दुबे ने अपना जवाब प्रस्तुत किया। वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ व ब्रजेश दुबे ने इसका अवलोकन कर रिज्वाइंडर पेश करने के लिए समय मांग लिया है।

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