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स्वच्छ-निर्मल नर्मदा… कलकल बहती नर्मदा में दाग लगा रहा नालों का पानी

locationजबलपुरPublished: Dec 22, 2019 08:01:47 pm

Submitted by:

shyam bihari

ग्वारीघाट, तिलवाराघाट और भेड़ाघाट में दूषित हो रहा अमृत जैसा पानी
Water Polluted in Gwarighat, Tilwaraghat and Bhedaghat

Narmada river ; नर्मदा नदी उफान पर, भरुच में क्यां है हालात, प्रशासन की कैसी है तैयारी..?

Narmada river ; नर्मदा नदी उफान पर, भरुच में क्यां है हालात, प्रशासन की कैसी है तैयारी..?

यह है स्थिति
150 से ज्यादा छोटे-बड़े नाले नालियों का पानी मिलता है
-1 हजार किलोमीटर के लगभग लंबाई छोटी-बड़ी नालियों की
-52 प्रतिशत नालियां कच्ची
-250 के लगभग डेयरियों का गंदा पानी मिलता है
-09 लाख लीटर गंदा पानी मिल रहा है भेड़ाघाट में

गंदा पानी मिलने से रोकने किए गए प्रयास
-1.5 लाख लीटर व 5 लाख लीटर के दो ट्रीटमेंट प्लांट हैं ग्वारीघाट में
-25 लाख से भेड़ाघाट में बना है डायवर्सन प्लांट

ये हुई थी घोषणा
-1500 करोड़ से 14 शहरों में स्थापित होने थे प्लांट
-04 प्लांट स्थापित होने थे जबलपुर में
-03 साल पहले हुई थी घोषणा

जबलपुर। ग्वारीघाट और तिलवारा घाट नर्मदा नदी के जबलपुर में बेहद खूबके उमाघाट और नाव घाट में जिस स्थान पर श्रद्धालु आचमन करते हैं नालों का गंदा बदबूददार पानी आकर मिल रहा है। तिलवाराघाट में श्रद्धालु जहां डुबकी लगाते हैं वहां भी नाले का पानी मिल रहा है। पर्यटन स्थल भेड़ाघाट का नजारा भी अलग नहीं है, पंचवटी में नाले की गंदगी मिल रही है। नर्मदा में गंदगी मिलने से रोकने के लिए वादे और घोषणाएं तो खूब की गईं। कहा गया, प्रमुख तटों के आसपास वृहद स्तर पर ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किए जाएंगे। जिससे गंदा पानी नर्मदा में मिलने से रोका जा सके, लेकिन तस्वीर जरा भी नहीं बदली।
गौर और परियट नदी के किनारे स्थित ढाई सौ से ज्यादा डेयरियों का गंदा पानी इन नदियों से होकर नर्मदा में मिल रहा है। गौर नदी से होकर डेयरियों का गंदा पानी जमतरा स्थित नर्मदा के घाट में आकर मिलता है। संगम स्थल पर डेयरियों से होकर हिरन नदी में आया गंदा पानी नर्मदा में मिलता है। इस स्थल पर पानी इतना गंदा ही लोगों के लिए आचमन करना भी मुश्किल हो गया है। इस पर रोक लगाने के लिए न्यायालय में याचिका भी लगाई गई जिस पर एनजीटी निर्देशित कर चुका है कि डेयरियों में ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित कराए जाएं, लेकिन इस दिशा में भी अब तक छुट पुट प्रयास से इतर कोई कदम नहीं उठाया गया।
दो प्लांट नाकाफी
ग्वारीघाट में साढ़े छ: लाख लीटर क्षमता के दो ट्रीटमेंट प्लांट लगाए गए हैं, जिससे रिहायशी इलाकों के गंदे पानी का ट्रीटमेंट करने के बाद ही नदी में छोड़ा जा सके। जानकार मानते हैं कि दोनों प्लांट नाकाफी हैं। इन प्लांट के होने के बावजूद बड़े स्तर पर नालों का गंदा पानी नर्मदा में मिल रहा है।
नगर निगम आयुक्त आशीष कुमार ने कहा कि नर्मदा में नगर निगम सीमा में मिल रहे गंदे नालों क ा रिव्यू करेंगे। इस दिशा में हर संभव प्रयास करेंगे कि गंदे नालों को तटों में मिलने से रोका जा सके। वहीं, पर्यावरणविद प्रो. एचबी पालन का कहना है कि नर्मदा में नाले-नालियों का गंदा पानी मिलने से नदी के ईको सिस्टम को बड़ा नुकसान पहुंच रहा है। डेयरियों का गंदा पानी सहायक नदी परियट, गौर, हिरन व नालों से आकर मिल रहा है।

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