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जल-जमीन-संसाधन भरपूर, फिर भी माथे पर चिपका है औद्योगिक पिछड़ेपन का दाग

locationजबलपुरPublished: Jul 06, 2020 09:16:32 pm

Submitted by:

shyam bihari

जबलपुर से राज्य सरकार के सौतेले व्यवहार का खामियाजा भुगत रहे बेरोजगार
 

jabalpur change in weather

change in Weather : Clouds increased heat during the day

ये है स्थिति
– 04 औद्योगिक विकास केंद्र जिले में
– 01 उद्योग केंद्र मनेरी में
– 1320 हेक्टेयर जमीन है केंद्रों के पास
– 450 हेक्टेयर का लैंड बैंक
– 530 छोटे-बड़े उद्योग हैं इन केंद्रों में
– 08 हजार से ज्यादा एमएमएसई इकाइयां हैं जिले में

आद्योगिक क्षेत्रों में जमीन
औद्योगिक क्षेत्र – कुल भूमि – विकसित भूमि
हरगढ़, सिहोरा – 290 – 171
उमरिया-डुंगरिया – 317 – 193
मनेरी – 487 – 487
फूड पार्क मनेरी – 31 – 31
रिछाई – 151 – 06
(नोट – भूमि का क्षेत्रफल हेक्टेयर में)

यहां भी जमीन बैंक
ग्राम – तहसील – रकबा
उमरिया-डुंगरिया – शहपुरा – 175
सरदा – सिहोरा – 120
खैरी – शहपुरा – 54
ऐंठाखेड़ा -जबलपुर – 42
धरमपुरा – सिहोरा – 12
(नोट – भूमि का क्षेत्रफल हेक्टेयर में)

जबलपुर। मप्र में सरकार किसी की भी रही हो, जबलपुर शहर से सौतेला व्यवहार होता आया है। यही वजह है कि राज्य गठन के समय राजधानी के दावेदार जबलपुर में अब तक न महानगरों जैसा विकास हुआ और न बड़े स्तर पर उद्योग-व्यवसाय शुरू हो पाए। जबकि, यहां पर्याप्त जमीन, पानी, और तमाम प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध हैं। सियासी उपेक्षा के चलते ही शहर के पिछड़ेपन का दाग दूर नहीं हो पा रहा है। लोगों को हर बार निराशा ही हाथ लगती है। 2008 की इन्वेस्टर्स मीट में जबलपुर में करोड़ों रुपए के निवेश और रोजगार के सपने दिखाए गए। लेकिन, धेले का निवेश नहीं आया। रोजगार के अवसर नहीं होने से युवा वर्ग महानगरों की ओर रुख करने को मजबूर है। जनप्रतिनिधि भी इस मुद्दे को गम्भीरता से उठाने में नाकाम हैं।
चारों तरफ औद्योगिक केंद्र
प्रदेश के प्रमुख शहरों में शामिल जबलपुर के चारों तरफ औद्योगिक केंद्र स्थापित हैं। बड़े उद्योगों की स्थापना के लिए पर्याप्त जमीन है। यहां बड़ा जमीन बैंक है। बिजली पानी भी उपलब्ध है। कनेक्टिविटी में भी है। इसके बावजूद सरकारें यहां उद्योग स्थापित करने के लिए केवल घोषणाएं की जा रही हैं। जबकि भोपाल, ग्वालियर और इंदौर जैसे शहरों में उद्योगों की स्थापना के लिए पूरी ताकत झोंक दी जाती है।

शहर से 26 किमी दूर स्थित औद्योगिक क्षेत्र उमरिया-डुंगरिया में फेज-टू के तहत आधुनिक सुविधाओं से युक्तऔद्योगिक केंद्र है। एमपी इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने यहां 27 हेक्टेयर में सड़क, बिजली, पानी, अंडरग्राउंड केबल, ओवरहेड टैंक, ड्रेनेज सिस्टम सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं।
ये घोषणाएं भी अधर में
निजी डिफेंस कारखाना
लॉकडाउन से पहले बरगी के पास 700 एकड़ में निजी कम्पनी डिफेंस कारखाना स्थापित होने की घोषणा हुई। इसकी प्रक्रिया बढ़ भी गई थी। अब यह योजना भी अधर में है।
अगरबत्ती क्लस्टर
करीब 12 करोड़ की लागत से अगरबत्ती क्लस्टर के लिए नागपुर रोड पर ग्राम खुरसी में जमीन चिह्नित की गई है। यह क्लस्टर अभी घोषणाओं से बाहर नहीं आ सका है।

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