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सिवल जज परीक्षा 2019 के दूसरे चरण की परीक्षा का मार्ग प्रशस्त, अब इन तिथियो में होगा इम्तिहान

locationजबलपुरPublished: Sep 03, 2021 12:09:57 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला-तीसरी बार घोषित हुई परीक्षा की नई तारीख

सिवल जज परीक्षा 2019 परीक्षा संबंधी आदेश जारी

सिवल जज परीक्षा 2019 परीक्षा संबंधी आदेश जारी

जबलपुर. सिवल जज परीक्षा 2019 के दूसरे चरण की परीक्षा का मार्ग अब प्रशस्त हो गया है। ऐसा मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के बहुप्रतीक्षित फैसले के चलते संभव हो सका है।

बता दें कि मध्य प्रदेश सिविल जज परीक्षा-2019 की परीक्षा 20 मार्च 2021 को हुई थी जिसका परिणाम 24 मई 2021 को आया। लेकिन इस परिणाम को लेकर विवाद पैदा हो गया क्योंकि प्रारंभिक परीक्षा की अपलोड उत्तर कुंजी में 4 प्रश्नों के उत्तर गलत थे, तो 2 सही जवाबों को हटा दिया गया था। ऐसे में 150 अंकों की इस परीक्षा में कट ऑफ मार्क्स के आधार पर मेरिट लिस्ट में आने से 68 अभ्यर्थी वंचित हो गए। ऐसे में आठ जून को हाईकोर्ट में याचिका के माध्यम से परीक्षा के कट ऑफ मार्क्स को लेकर चुनौती दी गई। यह याचिका अंकित ने दायर की। कोर्ट ने अंकित की याचिका के संग 68 लिस्ट मैटर को भी कनेक्ट कर दिया गया। फिर 16 और रिट याचिकाओं को भी इससे जोड़ते हुए एक साथ सुनवाई शुरू हुई। याचिका की सुनवाई के दौरान पल्लव मोंगिया बनाम दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश का रिफरेंस दिया गया।
एमपी हाईकोर्ट के तत्वावधान में आयोजित सिविल जज-2019 के दूसरे चरण की परीक्षा में 980 और आवेदकों को मौका दिया गया। इससे पहले 251 अभ्यर्थियों को मेरिट लिस्ट में शामिल किया गया। अंकित वर्सेज मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के इस याचिका की पैरवी अभ्यर्थियों की ओर से अधिवक्ता प्रशांत मनचंदा ने की। उन्होंने सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट के दिए गए पूर्व के रिफ्रेंस रखे। इस पर कोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और विजय धगट की डिवीजन बेंच ने 14 जुलाई को अभ्यर्थियों को राहत देते हुए हाईकोर्ट के दो रिटायर्ड जस्टिस केके त्रिवेदी और सीवी सिरपुरकरी की एक कमेटी बना दी। दोनों पूर्व जजों की कमेटी ने जांच में अभ्यर्थियों के दावों को सही पाया।
कमेटी के निर्णय और पुनर्मूल्यांकन के बाद कट ऑफ लिस्ट से वंचित रह गए 251 अभ्यर्थियों को शामिल किया गया। हाईकोर्ट पूर्व की कट ऑफ लिस्ट में शामिल अभ्यर्थियों को दूसरे चरण की परीक्षा में शामिल होने का आदेश पहले ही जारी किया जा चुका था। लेकिन सिविल जज की परीक्षा कराने वाली समिति ने फिर एक गल्ती कर दी। इसके तहत पुनर्मूल्यांकन के बाद जो लिस्ट तैयार की उसमें पुराने और नए की कट आफ मार्क्स में अंतर कर दिया। समिति ने कट ऑफ मार्क्स पुराना ही रखा, जबकि पहली लिस्ट में सफल 1942 आवेदकों में सबसे न्यूनतम अंक तय कट ऑफ से नीचे चला गया था। सामान्य आवेदकों के लिए कट आफ 115 अंक तय किया गया था। पुनर्मूल्यांकन के बाद पहली सूची में शामिल न्यूनतम अंक पाने वाले आवेदक के अंक घटकर 111 रह गए।
अब अधिवक्ता प्रशांत मनचंदा ने पुनर्विचार याचिका दायर कर इस गल्ती को सुधारने का आग्रह किया। कोर्ट में परीक्षा कराने वाली समिति ने इस गल्ती को स्वीकार किया कट ऑफ के अंक घटाकर नए सिरे से सूची तैयार की, पर इस बार भी एक कमी रह गई। पुनर्मूल्यांकन के बाद पहली सूची में शामिल एसटी के आवेदकों के अंक न्यूनतम क्वालीफाई के लिए निर्धारित अंक 82 से घटकर 78 हो गए। ऐसे में पुनर्विचार याचिका में इस बिंदु को उठाया गया। इस बार जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव ने न्यूनतम क्वालीफाई शब्द को ही इस प्रकरण से हटा दिया। इसका फायदा 980 और आवेदकों को मिला। अब ये भी दूसरी परीक्षा में शामिल हो सकते थे। अब दूसरे चरण की मुख्य लिखित परीक्षा में कुल 251 पदों के लिए 3177 अभ्यर्थियों बैठ सकेंगे। ये परीक्षा 25 व 26 सितंबर को कराने का निर्णय लिया गया है।
हाईकोर्ट ने तीसरी बार परीक्षा की नई तारीख घोषित की। सभी आवेदकों को दूसरे चरण की मुख्य परीक्षा में शामिल होने के लिए 14 सितंबर की शाम पांच बजे तक आवेदन पत्र खुद या डाक के माध्यम से परीक्षा कक्ष प्रशासनिक भवन मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय जबलपुर में जमा कर सकेंगे। पहले के सफल आवेदक जो दूसरे चरण के लिए आवेदन नहीं भर पाए थे, उन्हें भी छूट दी गई है। इस परीक्षा के 980 सफल अभ्यर्थियों के लिए जबलपुर शहर में परीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे।
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