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जबलपुर

रेलवे के इस जोन ने दो साल में कर दी रिकॉर्ड की बारिश

पमरे ने में 209 किमी नई रेल लाइन व दोहरीकरण पूरा

जबलपुरSep 16, 2021 / 07:23 pm

shyam bihari

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जबलपुर। पश्चिम मध्य रेलवे में दो साल में कई महत्वपूर्ण परियोजनों को पूरा किया। मालगाड़ी की आय से लेकर लदान में राजस्व के रेकॉर्ड बनाए। कोरोना काल में भी विकास और विस्तार कार्य जारी रहे। लेकिन कुछ काम संक्रमण काल में पिछड़ गए। विशेष रूप से मुख्य स्टेशन का री-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट समय पर पूरा ना हो पाने की कसक महाप्रबंधक शैलेन्द्र कुमार सिंह ने भी जाहिर की। वे बुधवार को पत्रकारों के साथ बातचीत में पमरे में अपने कार्यकाल पर चर्चा कर रहे थे। जीएम सिंह इसी माह सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं। अपर महाप्रबंधक शोभन चौधुरी, प्रमुख मुख्य परिचालन प्रबंधक राजेश पाठक, मुख्य वाणिज्य प्रबंधक ब्रजेन्द्र कुमार उपस्थित थे।

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राहुल जयपुरियार ने बताया कि कोरोना काल की विषम परिस्थिति में भी पमरे ने वर्ष 2019-20 से 2021-22 के बीच बुनियादी एवं ऑपरेशन राजस्व में वृद्धि की है। दो साल में 209 किमी की नई रेल लाइन एवं दोहरीकरण और 132 किमी रेललाइन के तिहरीकरण का कार्य पूरा किया है। भारतीय रेलवे में पूरी तरह विद्युतीकृत पहला रेल जोन है। प्रदेश का पहला मेमू शेड बनाया गया है। जोन के रेल मार्ग (नागदा-मथुरा (545 किमी) एवं बीना-इटारसी (233 किमी)पर 130 केएमपीएच की स्पीड़ बढ़ाकर भारतीय रेल पर प्रथम स्थान बनाये हुए हैं। वातानुकूलित इकोनॉमी श्रेणी के कोच को 180 किमी की गति का परीक्षण किया गया है। ड्यूल मोड डब्ल्यूडीएपी 5 लोकोमोटिव को 150 किमी की गति का परीक्षण किया गया।
प्रमुख उपलब्धियां
– 06 नयी मेमू ट्रेनों की शुरुआत (सतना-कटनी, कटनी-इटारसी, कटनी-बीना, बीना-भोपाल, सतना-मानिकपुर एवं कटनी-बरगवां)।
– 03 ऑक्सीजन जनरेटिंग प्लांट्स (जबलपुर, भोपाल एवं कोटा) स्थापित कर पमरे भारतीय रेल में पहला जोन बना।
– भारतीय रेल पर पहला न्यू मॉडिफाइड गुड्स हाई स्पीड रेक को सीआरडब्लूएस भोपाल द्वारा विकसित किया गया।
– मध्यप्रदेश का पहला ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग प्लांट को पमरे के हबीबगंज में स्थापित किया गया।
– पश्चिम मध्य रेल में पहला ऑन लाईन मॉनेटरिंग सिस्टम कटनी-सिंगरौली रेलखण्ड पर स्थापित किया।
– पमरे, भारतीय रेल पर फ्रेट स्पीड में प्रथम स्थान हासिल, 272 रेलवे स्टेशन पर वाय-फाई सुविधा है।
– पमरे के सीआरडब्ल्यूएस भोपाल कारखाने ने लक्ष्य से 55 प्रतिशत से अधिक कोचों का एवं डब्ल्यूआरएस कोटा कारखाने ने लक्ष्य से 25 प्रतिशत अधिक वैगनों का उच्चत्तम पीओएच आउटटर्न दिया।
– पमरे ने वातानुकूलित द्वितीय श्रेणी के कोच का 178 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रॉयल किया।
– पमरे ने 94 किमी का दोहरीकरण/तिहरीकरण किया।
– पमरे ने ऑन लाइन फ्रेट पेमेंट सिस्टम के अंतर्गत 1200 ट्रांजेक्शन से रेकॉर्ड रुपए 238 करोड़ का राजस्व प्राप्त किया।

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