जबलपुर

monsoon weather: दिन भर बारिश होने लगी रही आस , बिना बरसे उड़ गए बादल

बंगाल की खाड़ी पर बना है कम दबाव क्षेत्र, तीन दिन बारिश का पूर्वानुमान

जबलपुरJul 01, 2019 / 07:25 pm

tarunendra chauhan

monsoon in jabalpur 2019: heavy rain warning in mp

 

जबलपुर. शहर में सोमवार को दिन भर आसमान पर बादलों का डेरा बन रहा। दोपहर में कभी धूप-कभी छांव का मौसम बना। शाम को घने cloud छाए लेकिन बादल बिन बरसे ही उड़ गए। mansoon की दस्तक के बाद झमाझम rainfall की आस में लोग आसमान की ओर नजरें घुमाते रहे लेकिन बादल सिर्फ ललचाने वाले ही साबित हुए। मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बना है। इस कारण पूर्वी मप्र में तीन दिन बारिश का पूर्वानुमान है।

शहर में रविवार की रात 10.8 मिमी बारिश के साथ सीजन की कुल बारिश 67.2 मिमी हो गई। इस बारिश के कारण धरती की प्यास कुछ बूझी और गर्मी, उमस से भी राहत मिली। पर्याप्त नमी के प्रभाव से cloud बन गए। आसपास के नरसिंहपुर मे 120 मिमी बारिश हुई। मौसम विभाग के वैज्ञानिक सहायक आरके दत्ता के अनुसार बंगाल की खाड़ी पर कम दबाव के क्षेत्र के कारण बारिश का पूर्वानुमान है। आसमान पर पर्याप्त बादल दिख रहे हैं। शहर एवं संभाग के अन्य क्षेत्रों में कभी भी मूसलधार बारिश हो सकती है।

गर्मी के साथ हुई उमस
अधिकतम तापमान सामान्य से दो अधिक 34.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि रात में हल्की बारिश के कारण न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 23.4 डिग्री सेल्सियस हो गया था। वहीं सुबह की आद्र्रता 84 और शाम की आद्र्रता 54 प्रतिशत रही। पर्याप्त आद्र्रता (नमी) और अधिकतम तापमान सामान्य से दो डिग्री अधिक होने के कारण गर्मी के साथ उमस हुई। जबकि, राजस्थान की ओर से आने वाली पश्चिमी हवा की औसत रफ्तार 4 किमी प्रति घंटा दर्ज की गई।

शाम को सुहाना हुआ मौसम

दिन में तापमान अधिक होने के दौरान गर्मी और उमस हुई। शाम को cloud छाए तो मौसम में गर्मी कम हो गई और लोगों को सुहाने मौसम का अहसास हुआ। लोगों ने छतों पर पार्कों में जाकर बदले हुए मौसम का सुखद अहसास किया।

पहली बारिश में नम हुई धरती
शहर में 28 जून को मानसून की दस्तक के बाद रविवार को पहली बारिश हुई। मौसम विज्ञान केंद्र अधारताल में 10.8 मिमी बारिश रेकॉर्ड किया गया। जबकि, शहर के अन्य क्षेत्रों में मौसम विभाग के वर्षामापी उपकरण नहीं लगाए गए हैं। इस बारिश के बाद सडक़ों पर उडऩे वाली धूल धरती में चिपक गई और गली-मोहल्लों में कीचड़ होने पर बारिश का मौसम नजर आया।

 
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