देर से आकर ज्यादा बरसे
शहर में मानसून की दस्तक इस वर्ष विलंब से हुई। शुरुआती दौर में पिछडऩे के बाद झमाझम बारिश हुई। दक्षिण पश्चिम मानसून की सक्रियता करीब एक महीने बाद तक बनी रही। अच्छी बारिश कराने वाले दक्षिण पश्चिम मानसून सामान्य तौर पर प्रति वर्ष सितंबर माह में विदाई हो जाती है। लेकिन इस साल सितंबर माह के आखिरी दिन तक मानसून का जोर रहा। झमाझम बारिश की कई किस्त से जिले के निर्धारित औसत (52 इंच) से करीब 13 इंच ज्यादा पानी बरसा। वर्षों बाद ऐसी स्थिति बनीं जब मानसून की वापसी का क्रम सितंबर की बजाय अक्टूबर में शुरू हुआ है।
तापमान में ज्यादा परिवर्तन नहीं
संभाग के कुछ हिस्सों से मानसून की वापसी के चलते शुक्रवार को दोपहर के वक्त कुछ उमस महसूस हुई। इस दौरान कुछ देर के लिए बादल भी मंडराए। तापमान में ज्यादा बदलाव नहीं हुआ। शाम होते ही ठंडी हवा चलीं। अधारताल स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार शुक्रवार को अधिकतम तापमान सामान्य से दो डिग्री सेल्सियस कम 30.1 डिग्री रेकॉर्ड हुआ। न्यूनतम तापमान 20.8 डिग्री दर्ज हुआ। ये सामान्य के बराबर है। आद्र्रता सुबह के समय 82 प्रतिशत और शाम को 57 प्रतिशत थी। उत्तर-पूर्वी हवा दो किमी प्रतिघंटा की औसत गति से चली। मौसम मुख्यत: शुष्क रहने की संभावना है।