script100 किलो था वजन, ताना मिला, तो बेटे के साथ मिलकर कर डाला यह | Weight was 100 kg, got warp, so it was done with son | Patrika News

100 किलो था वजन, ताना मिला, तो बेटे के साथ मिलकर कर डाला यह

locationजबलपुरPublished: Feb 16, 2020 08:39:25 pm

Submitted by:

virendra rajak

लोगों ने तो यह तक कहा कि इतने वजन वाला इंसान कुछ नहीं कर सकता

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संस्कारधानी से दिल्ली तक मैराथन में दौड़े पिता-पुत्र

18 दिन में तय की 900 किमी की दूरी

जबलपुर, 100 किलो वजन था। कभी ताना मिलता, तो कभी मजाक उड़ाया जाता। लोगों ने तो यह तक कहा कि इतने वजन वाला इंसान कुछ नहीं कर सकता। यह बात जीसीएफ में कार्यरत हिमांशु कुमार के दिल में घर कर गई। उन्होंने 13 वर्षीय बेटे हर्ष पंडित को तैयार किया। दोनों ने कुछ ऐसा करने का तय किया कि सारी शहर तो छोड़ो, प्रदेश, देश और सारी दुनिया के सामने वे यह साबित कर सकें कि संकल्प से बड़ा कुछ नहीं। लेकिन उन्होंने अपने इस संकल्प में कुछ और बातों को जोड़ा, जो हर एक व्यक्ति और समाज से जुड़ी थी।
केंद्रीय विद्यालय जीसीएफ-2 में सातवीं के छात्र हर्ष पंडित और उनके पिता जीसीएफ कर्मी हिमांशु कुमार ने युगल मैराथन कर रिकॉर्ड बनाया। दोनों ने 26 जनवरी को जबलपुर शहर के पंडित रवि शंकर शुल्क क्रीडांगन राइट टाउन स्टेडियम से दिल्ली के इंडिया गेट तक युगल मैराथन शुरू की थी, जो 18 दिन में पूरी हुई। पिता-पुत्र ने रोजाना 50 किमी की दूरी तय की। वे दोनों 12 फरवरी को दिल्ली के इंडिया गेट पहुंचे। वहां मानव संसाधन मंत्रालय एवं दिल्ली केंद्रीय विद्यालय ने दोनों का सम्मान किया। गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड व इंडियन बुक ऑफ रिकॉड्र्स के लिए पिता-पुत्र ने यह मैराथन दौड़ की। रास्ते में कई स्थानों पर केंद्रीय विद्यालय व आमजन ने दोनों को सम्मानित किया। पिता-पुत्र ने बताया कि उनका मकसद रिकॉर्ड बनाना नहीं, प्रदूषण के प्रति लोगों को जागरूक करना, प्लास्टिक मुक्त भारत और जल संरक्षण पर जानजागृति करना था।
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