जबलपुर. मप्र हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि जबलपुर शहर से डुमना एयरपोर्ट तक पहुंचने के लिए वैकल्पिक मार्ग की क्या संभावनाएं है? वहीं महाधिवक्ता पीके कौरव ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि डुमना फोर लेन रोड के लिए पेड़ नहीं काटे जाएंगे। एक्टिंग चीफ जस्टिस संजय यादव व जस्टिस राजीव कुमार दुबे की डिवीजन बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 25 नवंबर नियत कर तब तक सरकार से जवाब मांगा। गंगानगर कॉलोनी गढ़ा निवासी निकिता खम्परिया की ओर से जनहित याचिका दायर कर कहा गया कि रानी दुर्गावती विवि से लेकर डुमना एयरपोर्ट तक फोरलेन रोड का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए अभी तक 300 से अधिक हरे-भरे पेड़ काटे जा चुके हैं। पेड़ काटने के बाद पेड़ों की जड़ों को जेसीबी मशीन से उखाड़ा जा रहा है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता श्रेयस पंडित ने तर्क दिया कि बड़े पैमाने पर पेड़ काटे जाने से पर्यावरण को अपूरणीय क्षति होगी। डुमना के जंगल में रहने वाले जीव-जंतुओं पर भी इसका असर पड़ेगा। आग्रह किया गया कि पेड़ काटने पर रोक लगाई जाए। इस पर महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव ने कहा कि ठेकेदार को रादुविवि से डुमना तक बन रही फोरलेन सड़क के लिए पेड़ न काटने के निर्देश दिए जाएंगे। जिन पेड़ों को काट दिया गया है, उन्हें जड़ से नहीं उखाड़ा जाएगा। सुनवाई के बाद कोर्ट ने सरकार से डुमना पहुंचने के लिए वैकल्पिक मार्ग की संभावनाएं तलाश कर बताने का निर्देश दिया।