मध्यप्रदेश का गेहूं पूरे देश में प्रसिद्ध है। जबलपुर प्रदेश के सबसे ज्यादा गेहूं उत्पादकता वाले जिलों में शामिल है। लगभग एक लाख 87 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में इसकी पैदावार होती है। इस बार भी फसल अच्छी हुई है। शासन ने जिले में करीब 5 लाख 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी समर्थन मूल्य पर किए जाने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन, अभी यह आंकड़ा करीब 2 लाख 70 हजार मीट्रिक टन तक पहुंचा है। चार लाख मीट्रिक टन गेहूं बाजार में आया है।
इस बार खूब थी मांग
बड़े और मध्यम किसानों ने अपनी उपज का बड़ा हिस्सा सीधे व्यापारियों को बेचा है। 30 से 40 प्रतिशत उपज खरीदी केंद्र भेजी। पाटन अमरपुर के किसान सर्वेश पटेल का कहना था कि बाजार में अच्छे दाम मिले। इसलिए व्यापारियों को खेतों से उपज का बड़ा हिस्सा बेचा है। कैथरा मझौली के किसान आरएम पटेल ने बताया कि सरकारी खरीदी और व्यापारियों के दाम लगभग बराबर थे। ऐसे में ज्यादा सरलता व्यापारियों को उपज देने में दिखी। कुआंखेड़ा शहपुरा के किसान अभिषेक बाथरे ने बताया कि खरीदी केंद्रों में माल बेचा है, व्यापारियों से भी अच्छी कीमत मिलने पर कुछ हिस्सा उन्हें भी बेचा है।
उन्नत किस्मों की पैदावार
भारत कृषक समाज महाकोशल प्रांत के अध्यक्ष केके अग्रवाल ने बताया कि किसानों ने एचडी 2851,जीडब्ल्यू 322,जीडब्ल्यू 451, जीडब्ल्यू 273 जैसी किस्म लगा रहे हैं। इनकी मांग सभी जगह होती है। व्यापारी मेवालाल छिरोल्या ने बताया कि जबलपुर का गेहूं देश के सभी बड़े शहरों में सप्लाई हो रहा है। कुछ बड़ी कंपनियां इसका निर्यात भी कर रही हैं।
53 हजार पंजीयन, 25 हजार ने बेचा
जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने को लेकर किसानों का रुझान घटा है। लगभग 53 हजार किसानों ने पंजीयन कराया था। उसमें से अभी तक 25125 से ज्यादा किसानों ने अपनी उपज खरीदी केंद्रों पर बेची है। खरीदे गए गेहूं की मात्रा 2 लाख 70 हजार मीट्रिक टन है। स्लॉट 39 हजार 400 से अधिक किसानों ने बुक कराया है।