अब साइलोकैप में नहीं, ओपन कैप में होगा गेहूं का भंडारण
खाद्य आपूर्ति विभाग ने चिह्नित की जगह, प्लेटफॉर्म निर्माण के लिए टेंडर जारी

जबलपुर। जिले में समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने वाले गेहूं के भंडारण के लिए साइलोकैप के निर्माण के लिए जमीन की तलाश और टेंडर प्रक्रिया में हुई देरी से इसे निरस्त कर दिया गया है। अब इनकी जगह ओपन कैप बनाए जाएंगे। डेढ़ लाख मीट्रिक टन क्षमता वाले चार कैप बनाए जाएंगे। इसके लिए टेंडर भी जारी कर दिए गए हैं। शेष ढाई लाख मीट्रिक टन गेहूं के भंडारण के लिए जगह की तलाश प्रशासन के लिए चुनौती बनी हुई है।
जिले में गेहंू के बम्पर उत्पादन की सम्भावना है। इसके मद्देनजर इस बार चार लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने की योजना है। गेहूं के भंडारण के लिए जिला प्रशासन के पास पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। सभी वेयरहाउस धान और अन्य उपज से भरे हुए हैं। एफसीआई ने सीमित मात्रा में गेहूं की नीलामी खुले बाजार में की है। वेयरहाउस में अभी भी २६ लाख क्विंटल से अधिक गेहूं है। जगह नहीं होने से नई उपज के भंडारण में परेशानी होगी।
सुरक्षित नहीं रहता अनाज
जिला प्रशासन ने पहले गेहूं के सुरक्षित भंडारण के लिए साइलोकैप बनाने की योजना तैयार की थी। अब ओपन कैप बनाए जाएंगे। जानकारों के अनुसार ओपन कैप में गेहूं सुरक्षित नहीं रहता। अधिक बारिश होने पर अनाज खराब होने की आशंका रहती है।
यहां बनेंगे कैप
प्रशासन ने ओपन कैप बनाने के लिए चार स्थानों पर 20-25 एकड़ जगह का चयन किया है। शहपुरा के घुंसौर और जबलपुर तहसील के अंतर्गत सिवनीटोला में 25-25 हजार क्विंटल, सिहोरा के दर्शनी, कुंडम के तिलसानी में 50-50 हजार क्विंटल क्षमता के ओपन कैप बनाए जाएंगे।
हो गया है टेंडर
गेहूं के भंडारण के लिए चार स्थानों पर डेढ़ लाख क्विंटल क्षमता वाले ओपन कैप बनाए जाएंगे। इसके लिए टेंडर हो गया है। पहले साइलोकैप बनवाने का निर्णय किया था। समय अधिक लगने से इसे निरस्त कर दिया गया है।
सीएस जादौन, जिला आपूर्ति नियंत्रक
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