जबलपुरPublished: Aug 10, 2023 06:06:27 pm
Ashtha Awasthi
जबलपुर। जिले के गोदामों में किसानों से खरीदा गया गेहूं और धान खराब हो गया है। तिलसानी की तरह बरखेड़ा ओपन कैप में जो गेहूं सड़ गया है, उसे समर्थन मूल्य पर 1735 और 1840 रुपए प्रति क्विंटल में खरीदा गया था। खराब होने के बाद ठेका फर्म 11 सौ रुपए क्विंटल का भुगतान कर रही है।
सरकार को चपत
इन दोनों जगहों पर रखे गेहूं की कीमत तीन करोड़ 40 लाख रुपए है। अब उसकी कीमत दो करोड़ 2 लाख रुपए मिल रही है। ठेकेदार ने नीलामी में अलग-अलग स्टेक का ऑफर डाला था। उसमें न्यूनतम 809 और अधिकतम 1400 रुपए प्रति क्विंटल दर रखी है। यानी सीधे तौर पर 3 सौ से लेकर एक हजार रुपए तक का घाटा सरकार को हुआ है। ओपन कैप में अनाज का उठाव समय पर किया जाना चाहिए। लेकिन इसे नजरअंदाज किया जाता है। गेहूं और धान जानवरों के खाने के लायक भी नहीं है। बरखेड़ा और तिलसानी ओपन कैप के अलावा बरेला में बने ओपन कैप में भी 500 मीट्रिक टन गेहूं का भंडारण किया गया है। उसकी नीलामी भी जल्दी होगी। वह भी खाने के लायक नही बचा है। इस गेहूं को वर्ष 2019- 20 में खरीदा गया था।