scriptडाकिया जब लाया राखी तो चेहरे पर छा गई खुशी | When the postman brought Rakhi, there was happiness on his face | Patrika News

डाकिया जब लाया राखी तो चेहरे पर छा गई खुशी

locationजबलपुरPublished: Aug 13, 2022 12:13:17 am

Submitted by:

Mayank Kumar Sahu

सुबह से कर रहे थे इंतजार, रक्षा बंधन के दिन खुला रहा मुख्य डाकघर, नहीं सूनी होने दी भाईयों की कलाईफोटो
 

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जबलपुर. रक्षा बंधन के एक दिन पहले तक राखी नहीं पहुंचने से मदनमहल निवासी आनंद सिंह परेशान थे। क्योंकि बिहार से उनकी बहन ने राखी पहले ही पोस्ट कर दी थी लेकिन अब तक नहीं पहुंची। उन्हें डर था कि कहीं उनकी कलाई इस बार सूनी न रह जाए लेकिन जैसे ही सुबह 10 बजे दरवाजे की कॉल बैल बजी और सामने डाकिए को खड़ा देखा तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्हें राखी का लिफाफा सुपुर्द किया। कुछ ऐसी ही िस्थति सिविल लाइंस, सदर, राइट टाउन, नेपियर टाउन जैसे अन्य क्षेत्रों में नजर आई जहां कई परिवारों द्वारा बहन की राखी आने का इंतजार किया जा रहा था। रक्षा बंधन के दिन डाक विभाग द्वारा डाक से विलंब से पहुंची राखियों को रक्षा बंधन के दिन तक घरों तक पहुंचाने में जुटा रहा। अवकाश के दिन भी राखियां एवं उपहार गंतव्य स्थलों तक भेजे गए। गौरतलब है कि करीब 20 हजार से अधिक राखी पोस्ट जिले में पहुंची थी। इसी बीच एक दिन पहले डाक कर्मियों की हड़ताल के चलते डाक वितरण प्रभावित हो गया था।

सुबह से खुला रहा विभाग

सिविल लाइंस िस्थत मुख्य डाक कार्यालय रक्षा बंधन पर्व पर रोजाना की तरह सुबह से खुला रहा। स्टाॅफ का अवकाश निरस्त कर स्पेशल डाक लगाने में तैनात किया गया था। करीब आधा सैकड़ा डाकियों को स्पेशल डाक वितरण के लिए बुलाया गया था। बड़ी संख्या में आए राखी पोस्ट और अन्य सामग्री की सर्टिंग करने के बाद सुबह 9 बजे से वितरण कार्य शुरू कर दिया गया।
पांच हजार राखी बांटी

रक्षा बंधन के दिन डाक विभाग द्वारा करीब 5 हजार राखी बांटी गई। यह राखियां स्पीड पोस्ट के साथ ही बड़ी संख्या में साधारण डाक से भी भेजी गई थी। साधारण डाक से आने वाली राखियां अंतिम दिन भी डाक घरों में आई जिसके कारण राखियों का वितरण देर शाम तक चला। कई राखियां सदर एवं सिविल लाइंस क्षेत्र की थी क्योंकि इस क्षेत्र में सेना के जवानों और अफसरों के रहने वालों की संख्या ज्यादा है। बताया जाता है राखी लिफाफे का स्टॉक लगभग निल हो गया। डाक विभाग द्वारा 2 हजार रखी लिफाफे का वितरण करने के बाद इसे बंद कर दिया गया।

राखियों को देखते हुए डाक कार्यालय को अवकाश के दिन खुला रखा गया था। पांच हजार राखियां हमने एड्रेस तक पहुंचाई। देर शाम तक राखियों का वितरण किया गया।
डीसी गुप्ता, सीपीएम, मुख्य डाकघर

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