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आकर्षण का केंद्र रहा सफेद रंग का हाथी, इंद्र ने किया अभिषेक

locationजबलपुरPublished: Mar 15, 2019 10:59:34 pm

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abhimanyu chaudhary

गजरथ महोत्सव के जन्म कल्याणक में 1008 मंगलकलशों से हुआ अभिषेक, सफेद हाथी पर भगवान आदि कुमार के साथ सफेद हाथी पर विराजमान हुए इंद्र

gajarath

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जबलपुर, अमृत तीर्थ कटंगी रोड करमेता में आयोजित पंचकल्याणक प्रतिष्ठा गजरथ महोत्सव में शुक्रवार को तीसरे दिन भगवान आदिनाथ के जन्म कल्याणक में श्रावक भाव विभोर हो गए। सौधर्म इंद्र तीर्थंकर बालक के साथ एेरावत स्वरूप श्वेत रंग के हाथी पर विराजमान हुए और शोभायात्रा निकालकर धर्म प्रभावना की गई। 1008 कलशों से भगवान का अभिषेक किया गया। भगवान आदि कुमार पालने में झूले तो सभी के अंर्तमन और चेहरे पर आस्था के भाव आ गए।
आचार्य विशुद्ध सागर के ससंघ सानिध्य में मुख्य प्रतिष्ठाचार्य पंडित जयकुमार निशांत, टीकमगढ़ ने विधिवत नित्यमह पूजा के बाद आदिकुमार का जन्मोत्सव जन्मातिशय आरोपण का विधान पूर्ण कराया। आचार्यश्री के मंगल प्रवचन, सौधर्म इन्द्र द्वारा आयोध्या नगरी की प्रदक्षिणा, इन्द्राणी का आदि कुमार को लाना, सहस्त्र नेत्रों से सौधर्म इन्द्र द्वारा दर्शन के बाद ऐरावत हाथी पर पाण्डुकशिला की ओर जन्म कल्याणक की भव्य शोभायात्रा निकाली गई। शचि द्वारा आदि कुमार का श्रृंगार मनभावन रहा। आदि कुमार को माता-पिता को सौंपने का दृश्य देखकर श्रावकों की आंखों में भक्तिभाव की तरंगें लहराने लगीं।
करमेता क्षेत्र मांसाहार मुक्त घोषित करने की मांग
दिगम्बर जैन शाकाहार परिषद, जबलपुर के अध्यक्ष सुरेश चन्द जैन सहित अन्य की ओर से करमेता क्षेत्र को मांसाहार मुक्त घोषित किए जाने की मांग रखी गई। पार्षद रेखा शुक्ला ने आश्वासन दिया कि वे इस मांग को पूरा कराने की दिशा में समुचित प्रयास करेंगी। भीतर के विकारों के निष्कासन का भी प्रबंध करेंआचार्य विशुद्ध सागर महाराज ने मंगल प्रवचन में कहा कि भीतर के विकारों के निष्कासन का भी प्रबंध करें। ऐसा नहीं किया तो पर्याय शुद्धि संभव नहीं होगी। शुद्ध गुण का आरोहण करने के लिए शुद्ध-विशुद्ध जिनवाणी का पान करना पड़ता है। उन्होंने श्रावकों को प्रेरणा देते हुए कहा कि इन्द्रियों का दमन मत कीजिए, उपयोग बदल दीजिए। जीवन अधोगति से ऊर्ध्वगति को प्राप्त होगा। ब्रह्मनाद को छोड़ बाह्य आडम्बर में उलझना उचित नहीं है।
तप कल्याणक आज

शनिवार को गजरथ महोत्सव एवं विश्वशांति महायज्ञ अंतर्गत तपकल्याणक के विधान सम्पन्न किए जाएंगे। इस दौरान महाराज नाभिराय का राज्याभिषेक, राज्य संचालन, असि-मसि-कृषि का प्रदर्शन, नीलांजना नृत्य, वैराग्य, भरत व बाहुबली को राज्य सौंपना, लौकांतिक देवों द्वारा वैराग्य स्तुति, दीक्षावन प्रस्थान, दीक्षाविधि अंकन्यास और संस्कार रोपण पूजा होगी। मंगल आरती और प्रवचनों के बाद रात्रि में सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।
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