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health update: हमारे खाने में जहर की खुराक, ऐसे सामने आया सच

locationजबलपुरPublished: Feb 15, 2018 12:59:17 pm

Submitted by:

deepankar roy

सरकार ने जांच के लिए जेएनकेविवि में करोड़ों से शुरू की एकमात्र आधुनिक लैब

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health update: हमारे खाने में जहर की खुराक, ऐसे सामने आया सच

जबलपुर। आप और हम प्रतिदिन अपने भोजन के साथ जहर की खुराक ले रहे है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हमारे खाद्य पदार्थों को लेकर चौंकानी वाली रिपोर्ट दी है। इस रिपोर्ट के मुताबिक प्रत्येक भारतीय खाने के साथ प्रतिदिन 0.5 मिलीग्राम कीटनाशक का सेवक कर रहे है।
इस खतरे से निपटने के लिए राज्य सरकार ने बड़ी पहल की है। फल, सब्जियों से लेकर दलहन-तिलहन की जांच के लिए जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय में एक अत्याधुनिक प्रयोगशाला का निर्माण किया है। प्रदेश में अपनी तरह की इस एकमात्र लैब में अब समस्त फसलों की जांच कर उसमें कीटनाशक की मात्रा का पता लगाया जा सकेगा।

डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट
विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक तय मानक से अधिक कीटनाशक का प्रयोग शरीर पर हानिकारक प्रभाव डालता था। मात्रा अधिक होने पर यह जानलेवा हो जाता है। डब्ल्यूएचओ का दावा है कि फसलों को तैयार करने में कीटनाशक का निर्धारित मात्रा से अधिक प्रयोग होने के चलते इनसे तैयार खाद्य पदार्थों के जरिए कीटनाशक लोगों के पेट तक पहुंच रहे है। इससे लोग बीमार हो रहे है।

विदेश में रिजेक्ट
जानकारों के अनुसार देश में किसानों को फसल में सुरक्षित मात्रा में कीटनाशक के उपयोग की जानकारी नहीं है। इसके चलते दहलन, तिलहन, फल, फूल और सब्जियों की फसल में कीटनाशक का निर्धारित मात्रा से अधिक प्रयोग कर रहे है। इस कारण इनसे तैयार खाद्यान्नों में भी कीटनाशक मानक से अधिक हो जाता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तय मानक से अधिक कीटनाशक वाला खाद्यान्न प्रतिबंधित है। इसके चलते अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निर्यात होने देश की कृषि उपज की बड़ी मात्रा जांच में फेल भी हो रही है।

जांच में मिलेगी सही जानकारी
कीटनाशकों की मात्रा की जांच करने वाली इस प्रयोगशाला को पीड़कनाशी अवशेष परीक्षण प्रयोगशाला भी कहते हैं। यहां सभी खाद्यान्नों के साथ ही दलहन-तिलहन, फल-फूल के साथ सब्जियों में कीटनाशक की मात्रा की सही जानकारी मिलेगी। इस लैब में यह भी पता चल जाएगा कि कीटनाशक की अवशेष मात्रा, मानक से अधिक है या नहीं।

लैब पर करोड़ों रुपए खर्च
कीटनाशक की मात्रा के लिए कृषि विश्वविद्यालय में स्थापित की गई यह प्रदेश में अपनी तरह की पहली और एकमात्र लैब है। लैब के निर्माण में 8 करोड़ 37 लाख रुपए खर्च हुए है। करोड़ों रुपए से बनाई गई यह लैब अब खाद्यान्नों के परीक्षण के लिए खुल गई है। गुरुवार को केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने इस अत्याधुनिक लैब का शुभारंभ किया। इससे निर्माण से किसानों और व्यापारियों को भी फायदा मिलेगा। जांच के बाद विदेशों में उनकी फसल रिजेक्ट नहीं होगी।

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