जबलपुर

आखिर बच्चों और बुजुर्गों के लिए क्यों खतरनाक हैं टॉयलेट्स…ट्रेन में करते हैं यात्रा, तो जरूर पढ़ें

एसी कोच के यात्री थे बायोटॉयलेट की दुर्गंध से परेशान, शिकायत मिली, तो हो रहा अपग्रेडेशन

जबलपुरMar 17, 2019 / 08:42 pm

virendra rajak

आखिर बच्चों और बुजुर्गों के लिए क्यों खतरनाक हैं टॉयलेट्स.

जबलपुर रेल मंडल द्वारा कोचों में किया जाएगा अपग्रेडेशन
जबलपुर.ट्रैकों को साफ रखने के मकसद से ट्रेनों में लगाए गए बायोटॉयलेट्स अब एसी में यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बन रहे हैं। बायोटॉयलेट्स पूरी तरह से पैक रहते हैं। इनमें खिड़की नहीं है न ही हवा बाहर जाने की कोई अन्य जगह। एेसे में जब इनके दरवाजे खुलते हैं, तो पूरी की पूरी दुर्गंध सीधे एसी कोचों में चली जाती है, जिस कारण यात्रियों को घुटन होती है। सर्वाधिक परेशानी बच्चों और बुजुर्गों को झेलनी पड़ रही है। यह बात सामने आने के बाद जबलपुर रेल मंडल ने यात्रियों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए कवायद शुरू कर दी है।
क्लीन माय कोच में पहुंची शिकायतें
कोच में साफ सफाई अच्छी हो, इसके लिए रेलवे द्वारा क्लीन माय कोच एप संचालित किया जाता है। जानकारी के अनुसार इस एप में पिछले कुछ दिनों में सर्वाधिक शिकायतें एसी कोच के यात्रियों की पहुंची। इनमें अधिकतर शिकायतें बायोटॉयलेट्स से दुर्गंध आने की थी।
इसलिए बनती है मुसीबत
यात्रियों और कोच अटेंडरों की माने तो कुछ यात्री टीशू पेपर, पन्नी समेत अन्य चीजें बायोटॉयलेट के डक में डाल देते हैं, जिस कारण वह चोक हो जाता है। चूंकि उसमें वेंटीलेशन की व्यवस्था नहीं है, इसलिए दुर्गंध टॉयलेट में भर जाती है और उसके गेट को जैसे ही खोला जाता है, तो दुर्गंध सीधे एसी कोच में घुस जाती है।
अपगे्रड किए जाने की तैयारी
जबलपुर मंडल के सीनियर डिविजनल मैकेनिकल इंजीनियर एनके मिश्रा ने बताया कि बायोटॉयलेट्स से दुर्गंध आने की शिकायतों को रेलवे ने गंभीरता से लिया है। इसके बाद इनकी समीक्षा की गई और इनकी रीमॉडलिंग की जा रही है। नॉनएसी कोचों के बायोटॉयलेट्स के दरवाजों में जालियां लगाई जा रही हैं, उनमें ताजी हवा अंदर आने और दुर्गंध बाहर जाने के लिए वेंटीलेशन भी किया जा रहा है। एसी कोचों में एक्जास्ट लगाया जा रहा है। लगभग डेढ़ से दो माह के भीतर सभी कोचों के बायोटॉयलेट्स में यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
वर्जन
बायोटॉलेट्स में दुर्गंध आने की बात सामने आई है, उनमें वेंटीलेशन और एक्सजास्ट लगाया जा रहा है। जिससे यात्रियों को असुविधा न हो।
मनोज सिंह, डीआरएम, जबलपुर रेल मंडल

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