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पन्ना कलेक्टर बताएं, क्यों न की जाए भविष्य में चुनाव कार्य नहीं सौंपने की अनुशंसा

locationजबलपुरPublished: Aug 04, 2022 12:01:09 pm

Submitted by:

Rahul Mishra

मप्र हाईकोर्ट ने पन्ना जिले की गुन्नौर जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष के चुनाव में कई गई अनियमितता के लिए जमकर नाराजगी जताई। जस्टिस विवेक अग्रवाल की सिंगल बेंच ने पन्ना कलेक्टर संजय मिश्रा से पूछा कि क्यों न उन्हें भविष्य में चुनाव कार्य या चुनाव याचिका जैसे संवेदनशील कार्य न सौंपे जाने की अनुशंसा की जाए? क्यों न यह अनुशंसा केंद्रीय व राज्य निर्वाचन आयोग को अग्रेषित की जाए?

Court News

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मप्र हाईकोर्ट ने पूछा, प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का पालन किए बिना एक दिन में ही चुनाव याचिका पर निर्णय लेने के लिए जताई नाराजगी
जबलपुर।
मप्र हाईकोर्ट ने पन्ना जिले की गुन्नौर जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष के चुनाव में कई गई अनियमितता के लिए जमकर नाराजगी जताई। जस्टिस विवेक अग्रवाल की सिंगल बेंच ने पन्ना कलेक्टर संजय मिश्रा से पूछा कि क्यों न उन्हें भविष्य में चुनाव कार्य या चुनाव याचिका जैसे संवेदनशील कार्य न सौंपे जाने की अनुशंसा की जाए? क्यों न यह अनुशंसा केंद्रीय व राज्य निर्वाचन आयोग को अग्रेषित की जाए? कोर्ट ने उन्हें 17 अगस्त को हाजिर होकर यह स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए।
पन्ना जिले की गुन्नौर तहसील के ग्राम सलेहा निवासी परमानन्द शर्मा की ओर से याचिका दायर की गई। वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज शर्मा व अधिवक्ता काजी फखरुद्दीन ने कोर्ट को बताया कि गुन्नौर जनपद पंचायत उपाध्यक्ष के लिए 27 जुलाई को मतदान हुआ। उसी दिन हुई मतगणना में उन्हें 25 में से 13 वोट मिले। विजयी घोषित कर निर्वाचन अधिकारी व कलेक्टर ने उन्हें प्रमाणपत्र भी जारी कर दिया। लेकिन पराजित प्रत्याशी रामशिरोमणि मिश्रा ने यह कहते हुए उसी दिन चुनाव याचिका दायर कर दी कि एक मतपत्र अवैध था, लेकिन निरस्त नहीं किया गया। कलेक्टर ने उसी दिन याचिका को स्वीकार कर तत्काल उक्त मतपत्र को निरस्त कर दिया। याचिकाकर्ता व रामशिरोमणि मिश्रा के 12-12 वोट होने की दशा में लॉटरी से परिणाम निकाला गया। इसमे रामशिरोमणि मिश्रा को विजयी घोषित किया गया। तर्क दिया गया कि कलेक्टर ने सत्ताधारी दल के एजेंट की तरह कार्य करते हुए एक ही दिन में चुनाव याचिका निराकृत कर दी। याचिकाकर्ता को सुनवाई का अवसर भी नहीं दिया गया। वहीं, चुनाव आयोग की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ सेठ ने कोर्ट को बताया कि उक्त कार्य कलेक्टर ने चुनाव आयोग या चुनाव अधिकारी के प्रतिनिधि के रूप में नहीं किया। बल्कि पंचायत राज अधिनियम की धारा 122 के तहत चुनाव अधिकरण के निर्धारित अधिकारी के तौर पर उक्त आदेश पारित किया। इसके लिए चुनाव आयोग जिम्मेदार नहीं है।
सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि पन्ना कलेक्टर संजय मिश्रा पर गम्भीर आरोप लगाए गए हैं। लिहाजा, उन्हें भी पक्षकार बनाया जाए। कोर्ट ने उन्हें हमदस्त नोटिस तामील करने के निर्देश देकर पन्ना कलेक्टर संजय शर्मा से स्पष्टीकरण मांग लिया।

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